महर्षि सद्गुरु सदाफल देव आश्रम द्वारा 23अप्रैल से 551 कुंडीय विश्वशांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन होगा

 

जामुड़िया। विहंगम योग संस्थान के अंतर्गत महर्षि सद्गुरु सदाफल देव आश्रम द्वारा निंघा के एयरपोर्ट मैदान में 23 अप्रैल को 551 कुंडीय विश्वशांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा हैै जिसे लेकर निंघा आश्रम परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। संवाददाता सम्मेलन में विहंगम योग संत समाज पश्चिम बंगाल के प्रभारी जीबी सिंह, निंघा आश्रम के महाप्रबंधक वीके सिंह कार्यक्रम के संयोजक उमेश सिंह उपस्थित थे इस दौरान जीबी सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 23 अप्रैल को यहां पर 551 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है जिसमें वाराणसी से सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्र देव जी महाराज एवंं संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज का आगमन हो रहा है। सद्गुरु के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 551 यजमान कुंड पर बैठ आहुति देंगे। उससे 22 अप्रैल को संध्या में ‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजारोहण के पश्चात संत प्रवर की दिव्य वाणी होगी। 30 अप्रैल की सुबह 551 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ होगा इसके पश्चात नए जिज्ञांसुओं को विहंगम योग क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा दी जाएगी एवं संध्या में भजन प्रवचन दिव्य वाणी एवं सद्गुरु स्वतंत्र देव जी महाराज की अमृतवाणी के पश्चात कार्यक्रम का समापन होगा कार्यक्रम के दोनों दिन तीनों समय भंडारा चलता रहेगा। इस कार्यक्रम में झारखंड, बिहार, कोलकाता सहित आसपास के सभी जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। जिनके रहने एवं भोजन की निशुल्क उत्तम व्यवस्था रहेगी। 22 एवं 23 अप्रैल को पूर्णतः तीनों समय निशुल्क भंडारा चलता रहेगा। यज्ञ के विषय में जीबी सिंह ने बताया कि वैदिक महायज्ञ कोई धर्म नहीं है यह एक विज्ञान है। यज्ञ करने की एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसे हमारे ऋषि महर्षियों ने बनाया था जिस तरह से हमारे शरीर का केंद्र बिंदु नाभि है उसी तरह से हमारे जीवन का केंद्रीय बिंदु हवन यज्ञ है। यह हमारे मानसिक बौद्धिक एवं शारीरिक संतुलन के लिए हमारी ऋषियों ने वैदिक यज्ञ की परंपरा को निकाला था। कफ, पित्त एवं वायु यह एक ऐसी चीज है जो कम या अधिक हो जाने से हम बीमार पड़ जाते हैं ऋषि यों ने कहा है कि इन तीनों के संतुलन के लिए हमें यज्ञ करना चाहिए। यज्ञ करने से वातावरण शुद्ध होता है वायुमंडल में कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकता होने से वातावरण का संतुलन बिगड़ता है परंतु यज्ञ अगर होता रहे तो यह संतुलन बना रहता है। वहीं दूसरी ओर वीके सिंह ने विहंगम योग की चमत्कारिक शक्तियां एवं विहंगम योग के एवं विहंगम योग के क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा लेने के बाद उनसे होने वाले लाभ के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने इस इस कार्यक्रम में इलाके के सभी वासियों को आमंत्रित किया एवं इस ज्ञान से जुड़कर आध्यात्मिक लाभ एवं अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने की बात कही साथ ही उन्होंने सद्गुरु की अमृतवाणी का लाभ लेने के लिए सभी को आमंत्रित किया।

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