जामुड़िया। पुलिस का नाम सुनते ही लोगों में एक भय का माहौल पैदा हो जाता है। परंतु एडीपीसी की पुलिस अफसर समाजिक कार्यों को लेकर चर्चा मेंं रहती है। कभी रक्तदान शिविर लगाकर, कभी जरूरतमंदों की मदद कर, कभी विद्यार्थियों के बीच उपहार सौंप कर, कभी भूले हुए को उनके घर पहुंचा कर पुलिस समाज में एक स्वच्छ परिवेश बनाकर अपना मानवीय चेहरा दिखाती है। पुलिस के ऐसे कार्यों को देख कर जनता पुलिस को सलाम करती है। ऐसा ही एक मामला जामुड़िया थाना के केंदा पुलिस के सामने आया। केंदा फांड़ी पुलिस ने एक मानसिक विक्षिप्त किशोर को सही सलामत उसके परिजनों तक पहुंचा कर सराहनीय कार्य किया है। किशोर की पहचान झारखंड के चिरकुंडा थाना के नेहरू रोड के निवासी दुर्गेश कुमार के रूप में हुई है जिसके पिता गंगा प्रसाद सीआईएसएफ के जवान हैं।
इस विषय को लेकर फांड़ी पुलिस ने बताया कि पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी सुबह नौ बजे के करीब 12 वर्षीय लड़के को राष्ट्रीय मार्ग संख्या 2 पर तपसी पेट्रोल पंप के सामने घूमते हुए देखा। पुलिस को शक होने पर किशोरी से पूछताछ की गई परंतु किशोरी कुछ बता नहीं सकी। पुलिस अधिकारी ने केंदा फांड़ी प्रभारी अधिकारी सुकांत दास को खबर दी। जिसके बाद किशोरी को केंदा फांड़ी लायाा गया।
सुकांत दास ने किशोरी की तस्वीर खींचकर मीडिया, सोशल मीडिया और पुलिस के विभिन्न विभागों को भेजकर किशोरी के परिजनों की तलाश शुरू की। सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना मिलने पर गंगा प्रसाद नामक एक व्यक्ति केंदा पुलिस से संपर्क करते हैं। पुलिस द्वारा गंगा प्रसाद को साक्ष्य के साथ आने के लिए कहते हैं। मंगलवार की दोपहर करीब ढाई बजे गंगा प्रसाद नाम का सीआईएसएफ जवान अपने परिवार के साथ थाने आया और पर्याप्त सबूत दिखाकर अपने बेटी को घर ले गया।
इस दौरान गंगा प्रसाद ने बताया कि वह सीआईएसएफ के जवान हैं। वर्तमान में वह झारखंड के चिरकुंडा में कार्यरत हैं। उसका पुत्र दुर्गेश कुमार मानसिक रूप से विक्षिप्त है। उनका बेटा आज सुबह करीब पांच बजे घर से निकला था। वह समझ नहीं पा रहा है कि वह इतनी दूर कैसे पहुंच गया। लेकिन केंडा चौकी की पुलिस ने जो इंसानियत दिखाई है, उसके लिए वे शुक्रगुजार हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई के कारण उन्हें विशेष जरूरतों वाला उनका बेटा वापस मिल गया।