कोलकाता । दक्षिण 24 परगना के पौराणिक गंगासागर तीर्थ पर मकर संक्रांति के दिन पुण्य स्नान के लिए अब तक 60 हजार से अधिक लोग ई-स्नान के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। जिलाधिकारी पी उल्गानाथन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 60 हजार लोग ई-स्नान के लिए पंजीकृत हो चुके हैं और संख्या लगातार बढ़ रही है।
क्या होता है ई-स्नान
– उन्होंने बताया कि ई-स्नान मूल रूप से बुजुर्गों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कोरोना से पहले शुरू किया गया था। इसके तहत पंजीकरण कराने वाले लोगों को ₹150 रुपये का भुगतान गंगासागर की ऑफिशियल वेबसाइट अथवा ई-स्नान नाम से बने मोबाइल एप्लीकेशन पर करना होगा। इसके बाद उन लोगों के घर एक बॉक्स राज्य सरकार की ओर से भेजा जाएगा जिसमें गंगासागर का जल और प्रसाद रहता है। पौराणिक मान्यता रही है कि गंगा सागर के जल में पुण्य स्नान करने से मोक्ष मिलती है इसलिए यहां देश-विदेश से लाखों लोग हर साल आते हैं। राज्य सरकार ने इसीलिए यह पहल शुरू की थी कि गंगासागर के इस जल को लोगों के घर-घर पहुंचाया जा सके। इस बार कोरोना कि मद्देनजर भीड़ कम हो इसलिए प्रशासन ने ई-स्नान पर जोर दिया है जिसे लोग भी बखूबी मान रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अभी तक सीधे सागर में प्रवेश कर स्नान की अनुमति नहीं दी गई है। पाइपलाइन के जरिए गंगा सागर का पानी अस्थाई तौर पर बने बाथरूम में लाया जा रहा है जहां लोग स्नान कर सकेंगे। इसके अलावा ड्रोन से भी गंगासागर का जल आसमान से बरसाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि सागर में एक साथ भारी भीड़ ना हो।
उल्लेखनीय है कि इस बार कोलकाता समेत पूरे बंगाल में कोरोना संक्रमण तीन गुना रफ्तार से बढ़ रहा है। बावजूद इसके राज्य सरकार ने गंगासागर मेले की अनुमति दी है जिसे लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। हाई कोर्ट ने पुण्य स्नान की सशर्त अनुमति भी दी है। ऐसे में प्रशासन की कोशिश है कि सागर तट पर भीड़ को कम से कम किया जा सके ताकि संक्रमण फैलने का डर कम हो।