कोलकाता, 07 मार्च । राज्य के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में सीबीआई के हाथों अगस्त 2022 में गिरफ्तारी के बाद से आसनसोल सेंट्रल जेल में बंद बीरभूम जिले के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल को अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली ले जा रही है।
बार कोर्ट के सख्त आदेशों के बाद मंगलवार को बंगाली होली वाले दिन सुबह के समय आसनसोल सेंट्रल जेल से उन्हें कोलकाता के लिए रवाना किया गया। जेल की ओर से गाड़ी उपलब्ध कराई गई थी जिसकी सुरक्षा आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट की टीम संभाल रही है। ईडी अधिकारी उनके आसनसोल से कोलकाता सफर पर नजर रख रहे हैं। कोर्ट के आदेशानुसार आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट सुरक्षा घेरे में अणुव्रत मंडल को कोलकाता के जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचाना है जहां चिकित्सकीय जांच के बाद ईडी को सुपुर्द कर दिया जाएगा। वहां से केंद्रीय एजेंसी उन्हें आज ही दिल्ली ले जाएगी। फ्लाइट से उन्हें दिल्ली ले जाया जाना है।
इस बीच आसनसोल से कोलकाता सफर के बीच शक्तिगढ़ में पुलिस ने अणुव्रत की मुलाकात दो संदिग्ध लोगों से करवाई है जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। आसनसोल से कोलकाता जाने के रास्ते में शक्तिगढ़ है जहां का लेंग्चा बेहद मशहूर है। यहां एक मशहूर दुकान पर पुलिस की गाड़ी रुकी। उसमें से अणुव्रत मंडल निकले, दुकान के अंदर गए और नाश्ता करने के लिए एक टेबल पर बैठ गए। वहां टेबल पर पहले से गंजी पहना हुआ एक युवक और हरा पंजाबी पहना हुआ दूसरा युवक बैठा हुआ था। अणुव्रत मंडल को चार कचौड़ी, छोला, स्पेशल लेंग्चा और राजभोग दिया गया। इनमें से अणुव्रत ने तीन कचौड़ी खाई है और एक कचौड़ी हरा पंजाबी पहने हुए युवक की थाली में डाल दी। नाश्ते के दौरान अणुव्रत दोनों से बात करते रहे और पुलिस थोड़ी दूरी पर खड़ी थी।
दुकान में काम करने वाले कर्मचारी का नाम शेख कमरुल हक है। उसने बताया कि अणुव्रत मंडल के खाने का बिल 995 रुपये हुआ था। यह बिल हरा पंजाबी पहना हुआ युवक जो अणुव्रत के साथ बैठा था उसी ने भुगतान किया है। इसी से स्पष्ट है कि यह मुलाकात पहले से तय की गई थी और कोर्ट को अंधेरे में रखकर बैठक हुई है। ये दोनों युवक कौन थे इस बारे में पुलिस ने मुंह नहीं खोला है। ईडी को भी इस बारे में जानकारी नहीं है। इसलिए आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट पर सवाल खड़े होने लगे हैं। बहरहाल इस बारे में रहस्य बरकरार है।
उल्लेखनीय है कि गिरफ्तारी के बाद से ही अणुव्रत मंडल को आसनसोल सेंट्रल जेल में रखा गया था। यहां राज्य पुलिस की सुरक्षा होने की वजह से आरोप लग रहे थे कि जेल में मंडल के लिए अलग बैरक एलॉट किया गया है जहां वह राजसी ठाठ बाट से रहते थे। यहां तक कि अणुव्रत को यह बात भली-भांति पता था कि जब तक राज्य पुलिस की सुरक्षा उनके पास है तब तक केंद्रीय एजेंसियां उन पर दबाव नहीं बना पाएंगी। इस वजह से वह मवेशी तस्करी मामले में पूछताछ में बहुत अधिक सहयोग नहीं कर रहे थे। इसीलिए ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाने की अर्जी लगाई। दिल्ली की राउस एवेंयू कोर्ट ने पिछले महीने की अनुमति दे दी थी लेकिन राज्य पुलिस ने उन्हें पुराने मामले में गिरफ्तार कर दिल्ली जाने से बचा लिया था। इसके बाद एक बार फिर इस महीने के पहले सप्ताह में राउस एवेन्यू कोर्ट की अनुमति के बाद आसनसोल के विशेष सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दिल्ली ले जाने की अनुमति दी थी लेकिन अणुव्रत ने दिल्ली और कलकत्ता हाईकोर्ट में एक साथ याचिका लगाकर इस आदेश पर रोक लगाने की कोशिश की। दोनों कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा
और कोर्ट ने गत शनिवार को ही उन्हें दिल्ली ले जाने की अनुमति दे दी थी। लेकिन फिर भी जेल प्रबंधन और आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट ने सुरक्षा की जिम्मेवारी एक-दूसरे पर मढ़ते हुए उन्हें सोमवार तक दिल्ली जाने से बचाकर रखा। सोमवार को विशेष सीबीआई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट को सुरक्षा देनी होगी और जेल प्रबंधन को अणुव्रत को कोलकाता के जोका ईएसआई अस्पताल में ले जाकर ईडी को सौंपना होगा। वहां से ईडी उन्हें दिल्ली ले जाएगी। इसके बाद ही आज उन्हें दिल्ली ले जाया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्र ने बताया है कि आज ही चिकित्सकीय जांच के बाद विशेष विमान से दिल्ली ले जाया जाएगा। इसके लिए पहले से बुकिंग हो गई है।