जिनके नाथ, महादेव वो अनाथ नहीं होते: परम पूज्य सद्गुरूनाथ जी महाराज

हैदराबाद। विनायक नगर, जेडिमेटला हैदराबाद में परम पूज्य सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा प्रदोष शिव महापुराण कथा में दूर-दराज़ से आए हुए लोगों ने सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा सुनाए गए अमृत कथा का श्रवण किया। साथ ही लाखों लोगों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कथा का सीधा प्रसारण देख अपने जीवन को धन्य किया।

परम पूज्य सद्गुरूनाथ जी महाराज ने बताया कि गुरू ही सर्वोच्च होता है वो अपने शिष्य को हर संकट से बाहर निकाल लेता है। अगर गुरू में विश्वास हो, गुरू में श्रद्धा हो तो जीवन रूपी नैया अवश्य पार लग जाती है। सद्गुरूनाथ जी द्वारा शिव महापुराण कथा निरंतर आस्था एवं विश्वास के साथ सुनने के बाद लोगों को सुंदर अनुभूतियां होती हैं। घर में वर्षों से चल रही गृह-क्लेश एवं आसाध्य बीमारी से लोगों को छुटकारा मिल जाता है। यही कारण है कि लोगों की अपार भीड़ सद्गुरूनाथ जी महाराज के आसपास लगी रहती है हर कोई व्यक्ति इनसे मिलने को आतुर दिखता है। हो भी क्यों ना, सद्गुरूनाथ जी महाराज पर भगवान भोलेनाथ की अपार कृपा जो है जिससे ये लोगों को कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं।

कथा के दौरान सद्गुरूनाथ जी महाराज ने बताया कि भगवान की भक्ति के दौरान किसी भी प्रकार का विघ्न बाधा नहीं आना चाहिए। कोई व्यक्ति अगर पूजा-पाठ में लीन है तो उसके ध्यान में किसी प्रकार का अगर अवरोध किसी व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो भगवान क्रोधित हो जाते हैं। फिर इसके बुरे परिणाम लोगों को भोगने पड़ते हैं। लोगों को भक्ति मार्ग में बहुत सी बाधाएं आती है। जिससे उनका ध्यान भटक जाता है लेकिन व्यक्ति को कभी भी पूजा-पाठ के मार्ग से भटकना नहीं चाहिए।

गुरूवर ने एक प्रसंग भी बताया कि कुंभकरण के मरने के बाद उसकी पत्नी ने श्रीराम से कहा कि मेरा नाम आलस और निद्रा है। मैं आपकी पूजा-पाठ नहीं होने दूंगी। यही कारण है कि पूजा-भजन-कीर्तन में लोगों को आलस और निद्रा ज्यादा आती है। कुछ भी हो कलयुग में महाकाल ही सब कष्टों से आपको निजात दिलाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *