पश्चिम बंगाल एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम की अध्यक्ष सीएस व डॉक्टर ममता बिनानी ने बजट (2023-24) पर दी प्रतिक्रिया

कोलकाता, 1 फरवरी, 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री डॉक्टर निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए आर्थिक बजट पर सीएस (डॉ.) एडवोकेट ममता बिनानी (पूर्व अध्यक्ष, आईसीएसआई और एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम, पश्चिम बंगाल की वर्तमान अध्यक्ष) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विकास उत्प्रेरक हैं। केंद्र सरकार ने इस बजट के साथ न केवल एमएसएमई क्षेत्र को सभी प्रकार के समर्थन और इसे सुरक्षा प्रदान करने के लिए न सिर्फ बहुत अच्छा काम किया है, बल्कि इससे जुड़े व्यवसायों के विस्तार का मार्ग भी प्रशस्त किया है। एंटिटी डिजिलॉकर की स्थापना, 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ पीएम मत्स्य सम्पदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू करना और एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स की सुविधा प्रदान करना प्रशंसनीय है। यह
बिल्कुल नए तरीके का बजट है, जो 1 अप्रैल, 2023 को प्रभावी होगा। इस क्षेत्र में 9,000 करोड़ रुपये के बूस्ट राशि प्रदान करने के लिए सरकार की सोच को धन्यवाद। इन नीतियों और योजनाओं के माध्यम से एमएसएमई न केवल “मेक इन इंडिया” बल्कि “मेक फॉर द वर्ल्ड” में भी योगदान देंगे, जैसा कि बजट में भी इसकी कल्पना की गई है।

ममता बिनानी पश्चिम बंगाल एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम की अध्यक्ष हैं। सुश्री बिनानी ने कॉरपोरेट गवर्नेंस और सीएसआर 2016 में उत्कृष्टता के लिए आईसीएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार, वर्ष 2016 के लिए निदेशक संस्थान के गोल्डन पीकॉक पुरस्कार, वर्ष 2016 के लिए सराहनीय सीएसआर गतिविधि के लिए एसोचैम पुरस्कार के जूरी सदस्य के रूप में कार्य किया है। कोलकाता नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स-लीगल अफेयर्स काउंसिल के अध्यक्ष और इंसोल इंडिया के कार्यकारी समिति की सदस्य भी हैं। वह इंटरनेशनल वूमेंस इंसोलवेंसी एंड रिस्ट्रक्टरिंग कॉन्फेडरेशन (आईएआईआरसी) बोर्ड की सदस्य भी हैं और वर्तमान में इंडिया नेटवर्क की सह-अध्यक्ष हैं।

सुश्री बिनानी देश के कुछ प्रतिष्ठित बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक भी हैं, जिनमे सेंचुरी प्लाई, बलरामपुर चीनी मिल्स, इमामी लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां शामिल हैं। सुश्री बिनानी का मानना है कि केंद्र सरकार एक इंजन है और वह उस तंत्र के एक सदस्य के रूप में हैं। इस लिहाज से यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वे सरकार के प्रयासों को जन-जन से लेकर समाज के हर वर्गों तक पहुंचाए।

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