रेवड़ी बाँटो कल्चर पर कैट शुरू करेगा राष्ट्रव्यापी जनमत जाग्रत अभियान

सरकारें और राजनीतिक दल अर्थव्यवस्था के मूल मानदंडों को तोड़ने के लिए ज़िम्मेदार

आसनसोल(संवाददाता):कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष अग्रवाला ने सोमवार पत्रकारों को बताया कि देश में विभिन्न राज्य सरकारों और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए लोगों को मुफ़्त में सामान बाँटना या मुफ़्त में राशि बाँटना देश की अर्थव्यवस्था और विकास के लिए बेहद घातक है तथा देश के सभी कर दाताओं के ऊपर लगातार पड़ने वाला अतिरिक्त वित्तीय बोझ है इस स्वार्थपूर्ण प्रवृति के ख़िलाफ़ दिल्ली सहित देश भर में एक जनमत जाग्रत अभियान चलाने की घोषणा की है ।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की पिछले दिनों प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रवृति को रेवड़ी कल्चर कहा था जो पूर्ण रूप से सटीक संज्ञा है ।देश में कुछ वर्ग की कर देते देते कमर टूट जाती है जबकि सरकारें एवं राजनीतिक दल बेदर्दी से उसको फ्री में बाँटने में कोई संकोच नहीं करते, इसीलिए देश भर में इस गंभीर मुद्दे पर चर्चाएँ हो रही हैं और बड़े पैमाने पर लोग इस व्यवस्था के ख़िलाफ़ हैं – कहा दोनों व्यापारी नेताओं ने।
भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा के कैट ने इस रेवड़ी कल्चर के विरुद्ध देश भर में व्यापार एवं उद्योग,वेतनभोगी लोग,ग्राहकों,मीडियाकर्मियों, लघु उद्योग, ट्रांसपोर्ट, वकीलों, डॉक्टर एवं अन्य प्रोफेशनल लोगों, सामाजिक संगठनों आदि के बीच एक बड़ा जनमत जाग्रत अभियान चलाने का निर्णय लिया है । उन्होंने कहा की जनता से करों के माध्यम से प्राप्त धन केवल देश के विकास में लगना चाहिए । केवल प्राकृतिक विपदा अथवा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्रदान करने में ही इस धन का उपयोग होना चाहिए । यदि रेवड़ी कल्चर में किसी भी दल को कुछ बाँटना है तो वो अपने दल के फण्ड में से बाँटे ।सरकार के पास जमा धन को रेवड़ी कल्चर से मुक्त करने के लिये केंद्र सरकार को एक स्पष्ट नीति बनानी चाहिए जिसका अनिवार्य रूप से सभी सरकारों और राजनैतिक दलों द्वारा अक्षरशः पालन किया जाए । कैट इस मुद्दे पर जनमत जाग्रत अभियान के तहत विभिन्न वर्गों के बीच एक राष्ट्रव्यापी बहस भी शुरू करेगा ।
सुभाष अग्रवाला ने कहा की पिछले एक दशक से अधिक समय से ऐसा देखा गया की विभिन्न राजनीतिक दलों ने केवल अपने निहित स्वार्थ की ख़ातिर बिना किसी जायज़ वजह के लोगों को फ्री में लैपटॉप, कंप्यूटर, साइकिल ,मोटरसाइकिल, मुफ़्त बिजली, मुफ़्त पानी आदि खुले हाथों से बाँटे है । केवल यही नहीं बड़ी राशियाँ भी बड़े पैमाने पर बाँटी है ।ऐसे सभी फ्री सामान अथवा राशि देने में जमकर सरकारी ख़ज़ाने का इस्तेमाल किया है ।ऐसे सभी काम विशुद्ध रूप से वोटों के लालच में ही किए गए। जनता के हितों से इनका कोई सरोकार नहीं है । अब यह प्रवृति बहुत तेज़ी से राजनीतिक दलों में पनप रही है जो बेहद अफ़सोसजनक है ।

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