स्कूल प्रसासन का दुर्भाग्य पूर्ण रवैया – सुभाष अग्रवाला

आसनसोल : पश्चिम बंगाल के जाने माने उद्योगपति व समाजसेवी सुभाष अग्रवाला ने सोमवार कोलकाता सारांश को बताया कि बराकर श्री मारवड़ी विद्यालय मेरे पूर्वजों के सहयोग से बनाई गई वे ही इस स्कूल के प्रेसिडेंट व सेक्रेटेरी रह चुके हैं ।बाद में यह स्कूल को बंगाल सरकार के कंट्रोल में दे दी गई ।
मैं सुभाष अग्रवाला इलेक्शन द्वारा इस स्कूल का तीन साल के लिए २०१४ से २०१७ तक प्रेसिडेंट बना था। इन तीन सालों में बच्चों की संख्या ४५० से ११५० पहुँच गई थी। रिज़ल्ट जो बहुत ख़राब होता था वो ९५% तक पहुँच गया था।
जब में स्कूल में प्रेसिडेंट बना तब ना तो स्कूल में बाथरूम चालू थे, ना बाउंड्री वॉल थी, ना पीने का पानी था, क्लास रूम की छत पहले मंज़िल की टूटी हुई थी, फ़र्निचर का अभाव था, मिड ड़े मील का ना शेड था ना मिड डे मील बच्चों को दी जाती थी, लैब और कम्प्यूटर रूम नहीं थे इत्यादि …
मैंने अपने पैसों से बाउंड्री वॉल बनवाई, पानी की टैंक बनवाई, पहले मंज़िल की क्लास रूम ठीक करवाए, मिड डे मील का विशाल शेड बनवाया। मैंने स्कूल को पंचायती ठाकुर बाड़ी से ज़मीन दिलवाई।
उस समय के स्कूल के प्रिन्सिपल ने मार्बल स्लैब पर मेरा नाम लिख कर पानी की टैंक, बाउंड्री वॉल और मिड डे मील शेड पर लिखवाया।
२० लाख रुपए मैंने श्री वंश गोपाल चौधरी के एमपी फंड से माँग कर लिए। इस फंड से कम्प्यूटर रूम, लैब व बाथरूम बने। यह स्कूल अब अच्छी स्कूलों की गिनती में आ गई।
कुछ दिन पहले मैं ADM(G) के साथ स्कूल गया था। मैंने पाया कि मेरे नाम की तीन प्लेट हटा दी गई है और दूसरों का नाम लिख दिया गया है । मुझे बहुत दुःख हुआ।
स्कूल के प्रसासन का दुर्भाग्य पूर्ण रवैया देख कर मेरी स्कूल के लिए और कुछ करने की इच्छा समाप्त हो गई। क्यों कोई अपने पैसों से सामाजिक कार्य करेगा अगर उसका अपमान होगा।

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