कोलकाता । पश्चिम बंगाल की 43 हजार दुर्गा पूजा समितियों को 60-60 हजार रुपये की वित्तीय मदद राज्य सरकार की ओर से दिए जाने के फैसले के खिलाफ तीसरी जनहित याचिका (पीआईएल) कलकता हाईकोर्ट में दाखिल हुई है। गुरुवार को तीसरी याचिका दाखिल की गई जिसे न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने स्वीकार किया है। याचिकाकर्ता सुधीर कुमार घोष ने कोर्ट के समक्ष दिए अपने आवेदन में कहा है कि सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता देने का आदेश कलकत्ता हाईकोर्ट ने काफी पहले दिया है लेकिन उसकी अवमानना की जा रही है और कोई भत्ता नहीं दिया जा रहा। दूसरी ओर दुर्गा पूजा समितियों के लिए राजकोष को लुटाया जा रहा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा समितियों को बिजली बिल में भी 60 फ़ीसदी छूट की घोषणा की है। याचिका में सुबीर कुमार घोष ने कहा है कि इससे राज्य सरकार के वित्तीय कोष पर भी बड़ा असर पड़ने वाला है। उन्होंने कहा है कि जो धनराशि पूजा समितियों को मदद के तौर पर दी जा रही है वह अगर राज्य सरकार बृहद जनहित के लिए खर्च करती तो इससे राज्य का विकास होता। उन्होंने कहा है कि पूजा समितियों को वित्तीय मदद देने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि पश्चिम बंगाल में सालों से दुर्गा पूजा के लिए लोग स्वेच्छा से करोड़ों रुपये दान करते रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की दुर्गा पूजा समितियों को 60-60 हजार रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा की है। इसके खिलाफ दो याचिकाएं कलकत्ता हाईकोर्ट में बुधवार को ही लगाई गई थीं।