आसनसोल(संवाददाता):तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता व बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को गौ तस्करी मामले में सीबीआई के द्वारा बुधवार को पेश किया गया। अदालत के समक्ष दोनों पक्षों के वकील ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की अनुव्रत मंडल के वकील ने उनकी बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि अनुब्रता मंडल को स्लीप एपनिया है जिससे उनकी मौत भी हो सकती है ऐसे में उनको जमानत मिलना बहुत ही जरूरी है उनके वकील ने उनके प्रभावशाली होने का होने की बात का खंडन किया। वही मवेशी तस्करी के लिए बीएसएफ को ज्यादा जिम्मेदारी बनती है ऐसे में सतीश कुमार के अलाव बीएसएफ के और अधिकारियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। सीबीआई के वकील ने अनुब्रता मंडल के वकील के द्वारा दिए गए सभी दलीलों को खारिज किया और कहा कि अनुब्रता मंडल एक काफी प्रभावशाली व्यक्ति है एवं वह सीबीआई को जांच में मदद नहीं कर रहा है ऐसे में उनको जमानत देना का मतलब जांच का प्रभावित होना है। अदालत के न्यायधीश ने दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा। आसनसोल सीबीआई विशेष अदालत के न्यायधीश राजेश चक्रवर्ती ने अनुव्रत मंडल की जमानत याचिका को फिर से रद्द कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
लेकिन अनुब्रत मंडल के लिए राहत की बात रही है कि उन्हें सीबीआई की कस्टडी में नहीं भेजा गया। अगली सुनवाई तक अनुव्रत मंडल को आसनसोल जेल की हवा खानी होगी मामले की अब अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी।