अशोक स्तंभ विवाद पर तृणमूल ने कहा : इतिहास को विकृत कर रही भाजपा सरकार

 

कोलकाता । नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों विमोतित नए अशोक स्तंभ को लेकर मचे विवाद में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी कूद पड़ी है। पार्टी के महासचिव और ममता कैबिनेट में मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को कहा है कि भाजपा नित केंद्र की सरकार इतिहास को विकृत करने की कोशिश कर रही है। बुधवार को राज्य विधानसभा में नेपाली कवि भानुभक्त के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पार्थ चटर्जी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि लंबे समय से भाजपा की सरकार इतिहास को विकृत करने की कोशिश कर रही है। अशोक स्तंभ को विकृत कर भाजपा क्या कुछ संदेश देना चाहती है, यह समझ में नहीं आ रहा। साधारण लोग किस परेशानी में हैं, इससे केंद्र की सरकार को कोई लेना देना नहीं है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि भाजपा शासन में इतिहास को विकृत करने की कोशिश हो रही है। सच्चाई यह है कि नए सिरे से इतिहास को लिखने की कोशिश हो रही है। अशोक स्तंभ में मौजूद शेरों के चेहरे को बदल दिया गया है। लंबे समय से लोग इसके विरोध में रहे हैं।
इसी तरह से विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा हमारे देश में यह कानून है कि राष्ट्रगान अथवा राष्ट्रीय ध्वज को विकृत करना दंडनीय अपराध रहा है। जो लोग भी ऐसा करते हैं उन्हें सजा मिलती है। हमारा प्रश्न है कि कैसे प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति ने ऐसा दुस्साहस किया है।
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल विस्टा में लगे अशोक स्तंभ में शेर के चेहरे को कथित तौर पर रौद्र रूप में निर्मित करने के आरोप लग रहे हैं। भारत सरकार के आधिकारिक अशोक स्तंभ में जो चार चेहरों वाला शेर है उसकी भाव भंगिमा शांत और मुस्कुराती हुई है जबकि सेंट्रल विस्टा में उद्घाटित मूर्ति के चेहरे कथित तौर पर रौद्र दिख रहे हैं।

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