
कोलकाता । ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद जी महाराज की स्मृति में सत्संग भवन में संत – महात्माओं के समागम में निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा महापुरुषों के कृतित्व, व्यक्तित्व का स्मरण करना और उनके बताए सत्मार्ग का अनुसरण करना ब्रह्मलीन कृष्णानंद महाराज के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी । 4 वर्ण, 4 आश्रम, 4 पुरुषार्थ का विवेचन करते हुए कहा सत्संग, संकीर्तन मानव जीवन में परम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति का प्रवेश द्वार है । स्वामी विशोकानंद भारती महाराज के सन्यास जीवन में 50 वर्ष के उपलक्ष में सत्संग भवन के ट्रस्टी धर्मानुरागी, समाजसेवी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी – शकुन्तला तिवारी, आचार्य श्री श्रीकान्त शास्त्री, दीपक मिश्रा, मुकेश शर्मा, सत्यनारायण भट्टड़, प्रदीप आसोपा, स्वामी बंधुगौरव ब्रह्मचारी, स्वामी ब्रह्मविद्यानंद महाराज, स्वामी ब्रह्मस्वरूपानंद, स्वामी धर्मेशानंद, मोहनानंद भारती, भागवताचार्य आकाश शर्मा, पुरुषोत्तम तिवारी, समाजसेवी विनय दुबे, संजय उपाध्याय, डॉ. अशोक पोद्दार, बुलाकी दास मीमानी, भोला प्रसाद सोनकर, शंकरलाल सोमानी, कमल सिंह एवम् श्रद्धालु भक्तों ने अभिनंदन किया एवम् उनके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु जीवन के लिये शुभकामना दी । अशोक शुक्ला, राजू शर्मा, कुलदीप दीक्षित, सुनील दीक्षित, अशोक तिवारी, अभय पाण्डेय एवम् कार्यकर्ता सक्रिय रहे । समाजसेवी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी ने सभी अतिथियों, श्रद्धालु भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया ।
