मणिपाल अस्पताल ब्रॉडवे में जापानी विशेषज्ञ ने 59 साल के कोलकाता निवासी की कठिन CTO एंजियोप्लास्टी सफलता पूर्वक की


कोलकाता, १ नवम्बर २०२५: ५९ साल के एक मरीज की मैनिकल हॉस्पिटल ब्रॉडवे में एक बेहद कठिन CTO एंजियोप्लास्टी (पूरी तरह ब्लॉक धमनियों की एंजियोप्लास्टी) सफल रही। यह प्रक्रिया जापान के योकोहामा सिटी हॉस्पिटल के प्रसिद्ध इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नोरिहिरो कोबायाशी की निगरानी में की गई। मरीज को डॉ. अरिजीत घोष, एचओडी – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मैनिकल हॉस्पिटल ब्रॉडवे की देखरेख में भर्ती किया गया था। मरीज को सीने में दर्द की शिकायत थी। जांच में बाईं कोरोनरी आर्टरी में गंभीर ब्लॉकेज और दाईं आर्टरी में १००% ब्लॉकेज (जिसे क्रॉनिक टोटल ऑक्लूजन या CTO कहा जाता है) पाया गया।
CTO ऐसी स्थिति होती है जिसमें धमनी कई सालों में धीरे-धीरे पूरी तरह बंद हो जाती है। ऐसे ब्लॉकेज को खोलना बहुत मुश्किल होता है। पहले ऐसे मामलों में मरीजों को बायपास सर्जरी कराने की सलाह दी जाती थी, लेकिन अब नई तकनीक और विशेषज्ञता की मदद से बिना सीना खोले एंजियोप्लास्टी के जरिए इलाज किया जा सकता है। इसमें इन्ट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड (IVUS) और खास पतली तारों (micro-guidewires) का इस्तेमाल किया जाता है।
यह प्रक्रिया मैनिकल हॉस्पिटल ब्रॉडवे में आयोजित एक विशेष कॉम्प्लेक्स कोरोनरी वर्कशॉप के दौरान की गई। इस वर्कशॉप में डॉ. कोबायाशी अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्टर (मार्गदर्शक) के रूप में मौजूद थे। हॉस्पिटल की कैथ लैब टीम का नेतृत्व डॉ. सुभाषिस रॉय चौधरी, डायरेक्टर – कैथ लैब, मैनिकल हॉस्पिटल ब्रॉडवे ने किया। टीम ने आधुनिक उपकरणों, IVUS इमेजिंग और विशेष तारों की मदद से पूरी तरह बंद आर्टरी को सफलतापूर्वक खोला। मरीज की हालत अब बेहतर है और उसे एक दिन में छुट्टी मिलने की उम्मीद है — जो बायपास सर्जरी की तुलना में बड़ा फायदा है।
डॉ. सुभाषिस रॉय चौधरी ने कहा, “CTO इंटरवेंशन दुनिया भर में कैथ लैब में किए जाने वाले सबसे उन्नत हृदय इलाजों में से एक है। इस केस की सफलता दिखाती है कि नई तकनीक और विशेषज्ञ टीमवर्क की मदद से हम उन मरीजों का इलाज भी बिना सर्जरी के कर सकते हैं जिन्हें पहले ओपन-हार्ट सर्जरी करनी पड़ती थी। IVUS और एडवांस्ड वायर्स की मदद से हम उन धमनी रास्तों को खोल सके जो पहले असंभव माने जाते थे।”
डॉ. अरिजीत घोष ने कहा, “जब कोई मरीज पूरी तरह ब्लॉक आर्टरी के साथ आता है, तो उसे ओपन-हार्ट सर्जरी का डर होता है। ऐसे मरीज का सीना खोले बिना एंजियोप्लास्टी से इलाज करना और उसे जल्दी ठीक होते देखना बेहद सुकून देने वाला होता है। डॉ. नोरिहिरो कोबायाशी की मौजूदगी और उनकी CTO तकनीकों पर दी गई जानकारी ने हमारे काम को और बेहतर बनाया। इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से हमारे डॉक्टरों का अनुभव बढ़ता है और हम कोलकाता में ही अत्याधुनिक इलाज दे पा रहे हैं।”
डॉ. कोबायाशी ने साझा किया कि जापान में अब बायपास सर्जरी की संख्या काफी कम हो गई है क्योंकि इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी अब बहुत विकसित हो चुकी है। मरीजों के लिए यह तरीका ज्यादा सुरक्षित है और रिकवरी भी बहुत तेज होती है।
मैनिकल हॉस्पिटल ब्रॉडवे में इस तरह की उन्नत CTO एंजियोप्लास्टी अब बायपास सर्जरी का बेहतर विकल्प बन रही है। मरीज जल्दी ठीक होते हैं, अस्पताल में कम दिन रुकते हैं और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जल्दी लौट आते हैं।

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