कोलकाता । पश्चिम बंगाल विधानसभा में शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया गया, जिसमें कोलकाता में बहुमंजिली इमारतों के लिए अग्नि निकासी मानदंडों में समानता लाने की बात कही गई है।
पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा (संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया, जिसमें विपक्षी भाजपा ने भाग नहीं लिया।
अग्निशमन और आपातकालीन सेवा राज्य मंत्री सुजीत बोस ने कहा, “पहले 14.5 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों के लिए अग्निशमन विभाग कीए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की आवश्यकता पड़ती थी। इस नए बिल के साथ उस सीमा को बढ़ाकर 15.5 मीटर किया गया है।”
यह छूट केवल कोलकाता नगर निगम (केएमसी) क्षेत्र में लागू होगी।
बोस ने कहा कि केएमसी के साथ दमकल विभाग ने विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करने के बाद उंचाई सीमा बढ़ाने का फैसला किया है।
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके विभाग द्वारा किए गए प्रारंभिक सर्वेक्षण में कोलकाता में 1,464 इमारतें, जिनमें ज्यादातर व्यावसायिक इमारतें थीं, अग्निशमन व्यवस्था के लिहाज से खतरनाक पाई गईं।
अग्निशमन विभाग, केएमसी और बिजली उपयोगिता सीईएससी के कर्मियों वाली एक टास्क फोर्स ने पहले ही इन 1,464 असुरक्षित इमारतों में से 568 का ऑडिट किया है। उन्होंने कहा कि बाकी इमारतों का जल्द ही ऑडिट किया जाएगा।
भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा ने कहा, “यह सरकार विपक्ष की आवाज दबाने में भरोसा करती है।”
आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने भी ध्वनि मत में हिस्सा नहीं लिया।
ध्वनिमत से पहले विधेयक पर चर्चा में तृणमूल और भाजपा के दो-दो विधायकों ने हिस्सा लिया।