कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बार फिर ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बनर्जी विपक्ष में खुद को महत्वपूर्ण नेता के तौर पर पेश करना चाहती हैं लेकिन उन्हें कोई महत्व नहीं दे रहा है। शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब घोष ने कहा कि जब से नरेन्द्र मोदी सरकार केंद्र में आई है तब से ममता हर बार महागठबंधन का राग अलापती हैं लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उल्टी पड़ रही ममता की चाल को विफल करार देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि आज एनडीए के उम्मीदवार के सामने ममता की सारी योजना फेल हो गई। विपक्ष का वोट बंट गया और साझा उम्मीदवार के तौर पर ममता ने जिनके नाम का प्रस्ताव दिया उन्हीं के खिलाफ विपक्ष एकजुट होने लगा है। हालांकि इसका जवाब तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने दिलीप घोष को किनारे लगा दिया है इसलिए खबरों में बने रहने के लिए ममता पर गैर जरूरी हमले करते हैं। उनकी बातों का कोई महत्व नहीं है।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष के साझा सार्वभौमिक उम्मीदवार के तौर पर ममता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव दिया था जिसे विपक्ष ने स्वीकृति दी है। हालांकि माकपा ने इसे लेकर नाराजगी जताई है और यशवंत सिन्हा को अयोग्य उम्मीदवार करार दिया है। दूसरी और भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है जिनके पक्ष में ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी पहले ही आ चुकी है।