कोलकाता , 11 सितंबर 2025: शहर के प्रतिष्ठित हाजरा पार्क दुर्गोत्सव इस वर्ष अपने 83वें वर्ष में भव्य अंदाज में मनाया जा रहा है। साल 1942 में तत्कालीन कोलकाता निगम मेयर सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा से शुरू हुई इस पूजा की नींव सामुदायिक एकता और हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य पर रखी गई थी। वर्षों के सफर में यह आयोजन पद्मपुकुर से हाजरा पार्क तक पहुंचकर केवल सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक आंदोलन का प्रतीक भी बन चुका है।
इस बार दुर्गोत्सव की थीम “दृष्टिकोण” है, जिसे प्रसिद्ध कलाकार बिमान साहा ने परिकल्पित किया है। इस थीम के तहत रंगों को सिर्फ एक दृश्य सजावट नहीं, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति की गहन भाषा के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। कलाकार के अनुसार प्रत्येक रंग विचारों, भावनाओं और दर्शन का वाहक होता है जो देवी दुर्गा की प्रतिमा और पूरे मंडप में काव्यात्मक अभिव्यक्ति के रूप में आकार लेगा।
समिति के संयुक्त सचिव सायन देब चटर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “रंग केवल दुनिया के आभूषण नहीं, बल्कि जीवन की धड़कन हैं। हर रंग एक कहानी कहता है—कभी प्रेम की गर्माहट, कभी विरोध की ऊर्जा, कभी आशा की चमक। यही सन्देश हम ‘दृष्टिकोण’ के माध्यम से सभी भक्तों और आगंतुकों तक पहुँचाना चाहते हैं।” उन्होंने सभी को परिवार और मित्रों के साथ मंडप में आमंत्रित किया।
इस वर्ष का पंडाल और मूर्ति रंगों की बहुआयामी प्रकृति को उजागर करेंगे। प्रत्येक डिज़ाइन, प्रत्येक कलात्मक विवरण और सजावट का हर पहलू रंगों की जीवन्तता को परिभाषित करेगा। आयोजक मंडल का कहना है कि आगंतुकों को केवल सजावट देखने के लिए नहीं, बल्कि अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया गया है, ताकि वे रंगों के जरिए अपने दृष्टिकोण में बदलाव महसूस कर सकें।
हाजरा पार्क दुर्गोत्सव 2025 कला, दर्शन और भावनाओं का संगम बनकर शहरवासियों को एक अनोखा अनुभव देने का वादा कर रहा है। यहां हर रंग एक नई कहानी सुनाएगा और हर अनुभव दर्शकों की सोच को नई दिशा देगा।