आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने प्रेसवार्ता कर कुल्टी क्षेत्र मे पानी की समस्या को लेकर निगम पर साधा निशान

आसनसोल। आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर सह भाजपा के वरिष्ठ नेता जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल के कुल्टी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नियामतपुर स्थित भाजपा कार्यालय में एक प्रेसवार्ता कर आसनसोल नगर निगम की विफलता गिनवाई। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर निगम को कटघरे में खड़ा करते हुऐ उन्होंने कहा आसनसोल नगर निगम हर क्षेत्र में असफल हुई है। इस दौरान जीतेन्द्र तिवारी ने कहा कि उनके मेयर रहते कोई सबसे बड़ी उपलब्धि कहीं जा सकती है तो वह है कुल्टी वाटर प्रोजेक्ट। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि जब वह मेयर बने तब कुल्टी में पानी की हालत बेहद खराब थी। लोगों को पाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। उस समय केंद्र सरकार की तरफ से अमरूत परियोजना शुरू की गई थी। पूरे पश्चिम बंगाल में आसनसोल एकमात्र ऐसा नगर निगम था, जिसने इस परियोजना के लिए सबसे बढ़िया डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट या डीपीआर बना कर भेजा। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि अमरूत वन और अमृत दो दोनों परियोजनाओं के लिए उन्होंने डीपीआर भेजा था। अमरूत वन के दो चरण थे। पहले चरण के लिए 143 करोड रुपए और दूसरे चरण के लिए 82 करोड रुपए आवंटित किए गए थे। अमरूत वन परियोजना का कार्य उनके मेयर रहते पूरा हो चुका था और अमरूत दो परियोजना के लिए भी टेंडर का काम भी उनके रहते पूरा हो चुका था। अगर अमरूत दो परियोजना का काम पूरा हो जाता तो 43 हजार लोगों के घरों में पानी पहुंच जाता। लेकिन अभी तक यह कार्य पूरा नहीं हुआ है, जितेंद्र तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक समय था जब कुल्टी में नेता लोगों को सिर्फ वाटर प्रोजेक्ट के पाइप दिखाकर वोट मांगा करते थे। लेकिन जब वह मेयर बने तो उन्होंने कहा कि नहीं सिर्फ पाइप दिखाकर वोट मांगने से नहीं होगा। इन पाइप के जरिए लोगों के घरों तक पानी की आपूर्ति करनी होगी। उन्होंने बताया कि 12 ओएचआर बनाए गए थे। कुल्टी इलाके में पानी की जितनी जरूरत थी। उसका 75 फीसदी काम पूरा कर दिया गया था। काम अमरूत दो परियोजना में पूरा होने की बात थी। लेकिन वह अभी तक नहीं हुआ है। जीतेन्द्र तिवारी ने निगम प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम में विभिन्न कार्यालय के आपसी खींचतान की वजह से कुल्टी क्षेत्र में लंबे समय से चल रही पानी की किल्लत से लोगों को परेशानी हो रही है.लेकिन नगर निगम की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। आगे उन्होंने कहां कि जब वह मेयर थे तब उस समय उन्होंने एक नियम बनाया था कि उस क्षेत्र में जो भी लोग घरों में रह रहे हैं उनको पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। कुछ बातें यह उठी थी कि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड या इस्को के घरों में जो रहते हैं उनको पानी की आपूर्ति दी जाएगी या नहीं जितेंद्र तिवारी ने कहा कि उन्होंने यह बताया था कि जो भी घर में है। उनको पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। वह लोग जो घर में हैं वह वैध रूप से है या अवैध रूप से यह देखने का काम ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड या इस्को का है। लेकिन जो लोग घर में है उनको पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। लेकिन वर्तमान बोर्ड द्वारा नियम में परिवर्तन किया गया और पानी का कनेक्शन देने के लिए होल्डिंग टैक्स के शर्त रखी गई। इस्को द्वारा अब यह कहा जा रहा है कि जो लोग उनके इलाके में बने घरों में रह रहे हैं। उनके होल्डिंग टैक्स का असेसमेंट नगर निगम द्वारा करने नहीं दिया जाएगा। ऐसे में अगर इस्को होल्डिंग टैक्स का असेसमेंट करने नहीं देती है और नगर निगम बिना होल्डिंग टैक्स के पानी के आपूर्ति नहीं करता है तो बीच में उन घरों में रहने वाले लोग पानी से वंचित रह जाएंगे। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि एक समय अभिजीत आचार्य इस क्षेत्र में वाटर प्रोजेक्ट के कार्य की देखरेख किया करते थे और वह विभिन्न पार्टियों के काउंसलर को लेकर वाटर प्रोजेक्ट के कार्य को कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ पार्षद ललन मेहरा, पूर्व पार्षद अभिजीत आचार्या उपस्थित थे।

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