कोलकाता, 18 अगस्त, 2025: हाजरा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी इस वर्ष अपने 83वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। यह कमेटी अपनी विरासत को केवल एक उत्सव से कहीं अधिक, समावेशिता, परंपरा और सामुदायिक भावना में निहित एक आंदोलन के रूप में कायम रखे हुए है। 1942 में कोलकाता निगम के तत्कालीन मेयर सुभाष चंद्र बोस के दृष्टिकोण से स्थापित इस पूजा की परिकल्पना उन हाशिए पर पड़े लोगों को गले लगाने के लिए की गई थी जिन्हें लंबे समय से मुख्यधारा के उत्सवों से अलग रखा गया था। पद्मपुकुर में अपनी शुरुआत से लेकर हाजरा पार्क में स्थायी रूप से स्थापित होने तक, यह पूजा अपने मूल आदर्शों के प्रति सच्ची लगन के साथ बड़े पैमाने पर विकसित हुई है। 2016 से, इसे गर्व से हाज़रा पार्क दुर्गोत्सव के रूप में जाना जा रहा है।
इस वर्ष, हाज़रा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी दर्शकों के लिए अपनी थीम “दृष्टिकोण” के आधार पर मंडप को भव्य रूप दे रहा है। थीम लॉन्च के इस अवसर पर विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों ने उपस्थित होकर शोभा बढ़ाई जिसमें शोभन देब चट्टोपाध्याय (कृषि मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार), सायन देब चटर्जी (संयुक्त सचिव, हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति), बिमान साहा (कलाकार) के अलवा कई अन्य सम्मानीय लोग मौजूद थे।
दूरदर्शी कलाकार बिमान साहा द्वारा परिकल्पित यह विषय वस्तु, इस मंडप में रंगों को न केवल एक दृश्य आनंद के रूप में, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति की एक गहन भाषा के रूप में भी प्रस्तुत करेगी। एक कलाकार के लिए, प्रत्येक रंग उसके आंतरिक स्वरूप का एक अंश प्रकट करता है, जिसमें उसके विचार, भावनाएँ और दर्शन भी शामिल हैं। जब ये रंग देवी दुर्गा के रूप पर प्रवाहित होते हैं, तो वे एक मौन काव्य का निर्माण करते हैं। बिना शब्दों के कही गई कहानियाँ, जो रचनाकार के हृदय से उत्पन्न होती हैं, उसे इस मंडप में उतारने की कोशिश की जा रही है।
मीडिया से बात करते हुए हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति के संयुक्त सचिव सायन देब चटर्जी ने कहा, “रंग दुनिया के लिए सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि यह उसकी धड़कन है। हर रंग खुद में एक भावना समेटे हुए है, जिसमें प्रेम की गर्माहट, विरोध की आग, दृढ़ विश्वास का साहस, आशा की चमक मौजूद है। रंग जीवन की धड़कन है। ‘दृष्टिकोण’ के जरिए, हम चाहते हैं कि लोग प्रत्यक्ष से परे देखें, यह देखें कि कैसे रंग न केवल देवी के स्वरूप को, बल्कि हमारी सोच को भी आकार देते हैं। हर रंग एक कहानी कहता है, और इस साल, हम सभी को उस कहानी का हिस्सा बनने के लिए मंडप में सपरिवार आमंत्रित करते हैं।” उन्होंने सभी को परिवार और दोस्तों के साथ पूजा में आने का निमंत्रण दिया।
इस साल का पंडाल और मूर्ति रंगों की बहुआयामी प्रकृति को दर्शाएगी, जो हर कलात्मक विवरण, डिज़ाइन की हर परत और उत्सव के हर कोने में समाहित है। यहां आनेवाले आगंतुकों को न केवल मण्डप की सजावट देखने के लिए, बल्कि यहां के अनुभव के भीतर उतरने के लिए भी आमंत्रित किया जा रहा है ताकि उन्हें इन रंगों के जरिए अपने दृष्टिकोण को बदलने का मौका मिल सके।
हाजरा पार्क दुर्गोत्सव में इस वर्ष 2025 में कला, दर्शन और भावना के माध्यम से एक उज्ज्वल यात्रा होने का वादा करता है, जहां हर रंग एक कहानी कहेगा और हर कहानी हमारे देखने के तरीके को बदलने की क्षमता रखती है।