कोलकाता, 01 अगस्त । कलकत्ता हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण को न तोड़ने के बदले ₹20 लाख की रिश्वत लेने के गंभीर आरोप पर आसनसोल नगर निगम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश शुक्रवार को न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने दिया।
मामला एक निजी कंपनी से जुड़ा है, जिसने आसनसोल में अपने कारखाने का विस्तार करने के लिए आवेदन किया था। प्रारंभ में निगम ने निर्माण को अवैध घोषित करते हुए पांच जुलाई को ढहाने का नोटिस जारी किया था। लेकिन कंपनी की ओर से ₹20 लाख देने के बाद निर्माण न तोड़ने का फैसला लिया गया। यहीं नहीं, बाद में नगर निगम की ओर से फिर से ₹20 लाख की अतिरिक्त मांग भी की गई।
कंपनी ने इस पूरे घटनाक्रम को कोर्ट में चुनौती दी। उनके वकील ने कहा, “निगम बार-बार पैसे की मांग कर रहा है और कह रहा है कि यदि भुगतान किया गया तो अवैध निर्माण नहीं तोड़ा जाएगा। वे ‘आसनसोल जनरल फंड’ के नाम पर धन वसूल रहे हैं।”
इस पर आश्चर्य जताते हुए अदालत ने कहा कि यह कार्य पूरी तरह आपराधिक है। न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने टिप्पणी की, “नगर निगम कैसे यह निर्णय ले सकता है कि अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा जाएगा? पैसे लेकर ऐसा करना अपराध है। इस पूरे मामले की पुलिस द्वारा जांच होनी चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।” कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को आपात रूप से करने का निर्देश दिया है।