जामुड़िया। 10 वामपंथी ट्रेड यूनियन की ओर से बुधवार को पूरे देश में केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था. जामुड़िया में भी इसका असर देखा गया. इस दौरान जामुड़िया से आसनसोल, रानीगंज और दोमहानी तक चलने वाले बसों का परिचालन बंद रहा. वहीं बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे माकपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच कुछ स्थानों पर टकराव की स्थिति पैदा हो गई. मामले को नियंत्रित करने जामुड़िया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. हड़ताल के विषय में वामपंथी नेता मनोज दत्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियन द्वारा आज देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया था. जामुड़िया में यह पूरी तरह से सफल रहा. यहां पर छोटे कारखाने पूरी तरह से बंद रहे बड़े. कारखाने का सिर्फ एक गेट खुला परिवहन पूरी तरह से ठप रहा. उन्होंने कहा कि आज सिर्फ वामपंथी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि श्रमिक किसान मजदूर कारखाने में काम करने वाले श्रमिक व्यापारी दुकानदार सभी ने इस बंद का समर्थन किया. श्रमिकों के स्वार्थ की रक्षा करने वाले इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर काम कर रही है दोनों ही जनता की विरोधी है. वामपंथी कार्यकर्ता आज पूरे दिन सड़कों पर रहे और लोगों को इस बंद करने के पीछे के कारण बताए. मनोज दत्ता ने साफ कहा कि किसी भी वामपंथी कार्यकर्ता ने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कि लोग अपनी मर्जी से इस बंद के समर्थन में आगे आए. हालांकि इस विषय में जामुड़िया ब्लॉक एक युवा टीएमसी अध्यक्ष मृदुल चक्रवर्ती ने कहा कि यह बंद पूरी तरह से विफल रहा. एक स्थान पर एक बैंक के मैनेजर को बैंक में घुसने नहीं दिया जा रहा था लेकिन टीएमसी कार्यकर्ताओं ने समझा बुझा कर बैंक मैनेजर को बैंक में प्रवेश करवाया. बाजार में भी अन्य दिनों की तरह ही सरगर्मी देखी गई. औद्योगिक इलाके में लगभग सभी कारखाने खुले और वहां पर उपस्थित की दर अन्य दिनों की तरह सामान्य रही. वहीं परिवहन पर भी कोई असर नहीं पड़ा. एक दो वाहनों को छोड़कर बाकी सभी वाहन सड़कों पर उतरे.