सकारात्मक संवाद से ही बनेगी सुंदर दुनिया : प्रो. संजय द्विवेदी

आजादी पर्व पर आरजेएस का 15 दिवसीय ‘सकारात्मकता का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव’

नई दिल्ली, 30 जून। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा है कि संवाद की सकारात्मक शक्ति ही दुनिया को सुंदर और समरस बना सकती है। वे रविवार को राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस-पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि “जब संवाद का अभाव होता है, तभी परिवारों में तनाव, समाज में अविश्वास और देशों के बीच युद्ध जैसी स्थितियां जन्म लेती हैं। सकारात्मक सोच और संवाद से हर संकट का समाधान निकाला जा सकता है।”

इस अवसर पर ‘सकारात्मकता के अंतरराष्ट्रीय महोत्सव’ (1 से 15 अगस्त 2025) के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की गई और इसका संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में विविध आयोजनों की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। प्रो. द्विवेदी ने कार्यक्रम में आरजेएस न्यूज लेटर का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आकाशवाणी के पूर्व कार्यक्रम निदेशक डॉ. हरि सिंह पाल ने की। उन्होंने आरजेएस सकारात्मक मीडिया आंदोलन के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज के हर कोने से प्रेरणादायक कहानियों और सकारात्मक योगदानों को सामने लाने की आवश्यकता है। उन्होंने लोकगीतों, लोककथाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए उनके डिजिटल अभिलेखन की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, रति चौबे, नूतन चौबे और आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक श्री उदय कुमार मन्ना भी मंचासीन रहे।

इस अवसर पर विश्व भारती योग संस्थान के आचार्य प्रेम भाटिया, फिल्म अभिनेत्री संजीवनी चौधरी, कवयित्री सुषमा अग्रवाल, मधुबाला श्रीवास्तव, आलोक कुमार, सरिता कपूर, डॉ. श्याम कुमार, साधक ओमप्रकाश,सुदीप साहू, स्वीटी पॉल, डीपी कुशवाहा, चंद्रकला भारतीया, और मोहम्मद इशाक खान सहित देशभर के प्रतिभागियों ने भी अपने विचार रखे।

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