“गोहद की जनता की आवाज़: लाल सिंह आर्य के आग्रह पर सिंचाई परियोजना और डबल रोड को मिली मंज़ूरी”
मध्यप्रदेश : भिण्ड जिला के मेहगाँव, ग्राम ददरौआ धाम में आयोजित भव्य “किसान एवं रोजगार सम्मेलन” सिर्फ एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह मध्यप्रदेश की राजनीति और ग्रामीण जनअपेक्षाओं के संगम का प्रतीक बनकर सामने आया। इस कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने “माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना” को पुनः प्रारंभ करने और गोहद से मौ तक सड़क को डबल लेन में परिवर्तित करने की घोषणा की, तो यह घोषणाएं न सिर्फ विकास की प्रतीक बनीं बल्कि लाल सिंह आर्य जैसे जमीनी नेता की प्रभावशाली उपस्थिति और अनुरोध का सम्मान भी थीं।
लाल सिंह आर्य, भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति (SC) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, उस नेतृत्व का नाम हैं जो दलित और वंचित समाज की आकांक्षाओं को देश के राजनीतिक विमर्श में स्थान देने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उनका व्यक्तित्व संघर्ष, संवेदना और संगठित नेतृत्व का त्रिवेणी संगम है।
विकास और अधिकार की लड़ाई का नेतृत्व
लाल सिंह आर्य का यह आग्रह कि “माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना” पुनः आरंभ हो और गोहद-मौ मार्ग को डबल किया जाए — केवल विकास की मांग नहीं थी, बल्कि यह किसानों, श्रमिकों और ग्रामीण जन की बहुप्रतीक्षित उम्मीदों का प्रतिनिधित्व था। मुख्यमंत्री की स्वीकृति इस बात का प्रमाण है कि राजनीतिक संवाद जब जनहित से जुड़ता है, तो उसका प्रभाव सीधा जमीन पर दिखता है।
SC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में योगदान
एक राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में लाल सिंह आर्य SC समाज की शैक्षिक,y सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में सतत सक्रिय हैं। उनका कार्य केवल मंचीय भाषणों तक सीमित नहीं, बल्कि वे ग्राम पंचायतों से लेकर संसद तक, हर मंच पर अनुसूचित जातियों के अधिकारों के पक्षधर के रूप में मुखर रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिबद्धता और सामाजिक न्याय का समर्पण
लाल सिंह आर्य ने हमेशा दलित समाज के युवाओं को प्रेरित किया है कि वे राजनीति, प्रशासन, शिक्षा और उद्योग में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करें। उनका जीवन और कार्य यह प्रमाणित करता है कि समर्पण और नीति-सिद्धांतों पर अडिग रहकर भी राष्ट्रीय राजनीति में ऊँचा स्थान पाया जा सकता है।
गोहद की जनता की ओर से मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव और लाल सिंह आर्य का हृदय से आभार प्रकट करना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह उस विश्वास का प्रतीक है जो जनता को नेतृत्व में दिखाई देता है। लाल सिंह आर्य की सक्रियता और संवेदनशीलता, उन्हें केवल एक नेता नहीं बल्कि एक आश्वस्तिदायक जनप्रतिनिधि बनाती है।
लेखक : रविंद्र आर्य