गाज़ियाबाद स्थित ‘पावन चिंतन धारा आश्रम’ बना सनातन चेतना का केंद्र, डॉ. पवन गुरुजी के नेतृत्व में आध्यात्मिक जागरण का सशक्त मंच
गाज़ियाबाद , विशेष संवाददाता ! गाज़ियाबाद के निकट हिसाली गाँव में स्थित एक अद्भुत आध्यात्मिक केंद्र, ‘पावन चिंतन धारा आश्रम’, आज उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है जो आधुनिक जीवन के बीच सनातन धर्म की सनातन आत्मा से जुड़ने का मार्ग खोज रहे हैं। यहाँ यज्ञ, पर्यावरण संरक्षण, निःस्वार्थ सेवा और वेदसम्मत जीवनमूल्यों के साथ एक जीवंत साधना चल रही है।
हाल ही में आश्रम में विश्व शांति दूत, संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध और Page3 News के संस्थापक-प्रधान डॉ. परविंदर सिंह ने एक विशेष आध्यात्मिक यात्रा के अंतर्गत दर्शन किए।
भारत भ्रमण की एक महत्वपूर्ण कड़ी: पावन चिंतन धारा आश्रम का दौरा
भारत की अपनी दस दिवसीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा के क्रम में डॉ. परविंदर सिंह ने प्रो. डॉ. पवन सिन्हा ‘गुरुजी’ के मार्गदर्शन में पावन चिंतन धारा आश्रम का विशेष रूप से दौरा किया। आश्रम की पवित्रता, अनुशासित वातावरण और गहराई से रचे-बसे सनातन मूल्यों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया।
उन्होंने कहा —
“पावन चिंतन धारा आश्रम केवल ध्यान या सेवा का केंद्र नहीं, बल्कि यह एक तीर्थ है जो पूरी मानवता को एकता, करुणा और धर्म की ओर बुलाता है।”
सेवा, साधना और संस्कृति का त्रिवेणी संगम: आश्रम की विशेषताएँ
यहाँ प्रतिदिन अग्निहोत्र यज्ञ, गौ सेवा, पक्षियों को दाना, वृक्षारोपण, गरीबों की सहायता, नैतिक एवं वैदिक शिक्षा और युवाओं में सांस्कृतिक जागरण जैसे विविध सेवा कार्य नियमित रूप से संपन्न होते हैं।
आश्रम आज साधना, सेवा और संस्कृति के त्रिवेणी संगम के रूप में विकसित हो चुका है। डॉ. पवन सिन्हा ‘गुरुजी’ के नेतृत्व में यह मंच सर्वधर्म समभाव और सांप्रदायिक सौहार्द का जीवंत संदेश दे रहा है।
डॉ. परविंदर सिंह: भारत की आध्यात्मिक छवि के वैश्विक प्रतिनिधि
थाईलैंड में सक्रिय रहते हुए डॉ. परविंदर सिंह Page3 Foundation और संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध सेवा परियोजनाओं के माध्यम से भारत की अध्यात्ममूलक छवि को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने पावन चिंतन धारा आश्रम की वैश्विक चेतना-जागरण क्षमता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
उनके शब्दों में —
“डॉ. पवन सिन्हा गुरुजी का यह अभियान न केवल भारत को परिवर्तित कर रहा है, बल्कि थाईलैंड, बर्मा और इंडोनेशिया जैसे बौद्ध देशों के लिए भी चेतना का प्रकाश बन सकता है।”
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. निखिल चौधरी और वरिष्ठ लेखक रविंद्र आर्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस भेंट को “भारत की आध्यात्मिक चेतना और वैश्विक मानवता के बीच एक ऐतिहासिक संगम” बताया।
आश्रम के वातावरण से अभिभूत होकर डॉ. परविंदर सिंह ने भविष्य में यहाँ लम्बे समय तक रहने की इच्छा भी प्रकट की, विशेषकर युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने और “आध्यात्मिक राष्ट्र-निर्माण की नींव” के रूप में इसे स्थापित करने हेतु।
सनातन भारत — वैश्विक मानवता की दिशा
गाज़ियाबाद स्थित पावन चिंतन धारा आश्रम अब मात्र एक ग्रामीण साधना केंद्र नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विचारधारा का सजीव प्रतीक बन चुका है। यहाँ की पवित्रता, यज्ञ परंपरा, करुणा और युवा जागरण यह सिद्ध करते हैं कि सनातन संस्कृति कोई बीती हुई परंपरा नहीं, बल्कि वैश्विक मानवता का भविष्य है।
डॉ. परविंदर सिंह जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति और उनके विचार इस मार्ग को और अधिक सुदृढ़ करते हैं।
लेखक: रविंद्र आर्य
छायाचित्र: पावन चिंतन धारा आश्रम मीडिया टीम
स्थान: पावन चिंतन धारा आश्रम, ग्राम हिसाली, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश