अनुदान नहीं, बल्कि उनका वाजिब हक वापस मिलना चाहिए

 

पुरुलिया : पुरुलिया जिले के काशीपुर ब्लॉक के बीएलएंडएलआरओ कार्यालय में भ्रष्टाचार के कई मामलों के खिलाफ आदिवासियों ने काशीपुर ब्लॉक के बीडीओ को एक सामूहिक प्रतिनिधिमंडल सौंपकर अपना असंतोष व्यक्त किया।
जानकारी के अनुसार बीएल एंड एलआरओ कार्यालय में भ्रष्टाचार रोकने, भूमि संबंधी विभिन्न समस्याओं का समाधान करने, आदिवासी भूमि को गैर आदिवासी के नाम पर दर्ज करने से रोकने सहित कई अन्य मांगों को लेकर काशीपुर प्रखंड के बीडीओ को प्रखंड जनप्रतिनियुक्ति एजेंडा के माध्यम से प्रतिनियुक्ति दी गई।
यद्यपि बीएलएंडएलआरओ अधिकारी को सामूहिक ज्ञापन कार्यक्रम के दौरान बीडीओ कार्यालय में उपस्थित रहना था, लेकिन अखिल भारतीय विकास परिषद के पुरुलिया जिला उपाध्यक्ष और संगठन के काशीपुर ब्लॉक अध्यक्ष निर्मल टुडू और आदिवासी संगठनों के अन्य प्रतिनिधियों ने उनकी अनुपस्थिति पर अत्यधिक रोष व्यक्त किया।
इस मौके पर बीएल एंड एलआरओ अधिकारी नहीं मिलने पर प्रखंड प्रशासन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई। आदिवासी संगठन अखिल भारतीय विकास परिषद ने प्रशासन को साफ कर दिया है कि वे अपना खून देने को तैयार हैं, लेकिन जमीन देने को तैयार नहीं हैं। आदिवासियों के सम्मान के लिए उन्हें अनुदान नहीं, बल्कि उनका वाजिब हक वापस मिलना चाहिए।
आरोप लगाया कि “आदिवासियों की ज़मीन गैर-आदिवासियों के नाम पर दर्ज की जा रही है। अपने अधिकारों की मांग करते हुए बीएल एंड आरओ कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाया।
इस दिन पश्चिम बंगाल आदिवासी कल्याण सोसायटी, भारतीय आदिवासी भूमि सोसायटी, अखिल भारतीय विकास परिषद और अन्य आदिवासी जन संगठनों ने दिशम आदिवासी गाऊंटा के आह्वान पर विभिन्न मांगों की पूर्ति की मांग को लेकर काशीपुर के राजबाड़ी से जुलूस के रूप में सड़कों पर उतरे।
इस अवसर पर दिशाम आदिवासी गाऊंता के प्रदेश अध्यक्ष रोबिन सोरेन, भारतीय आदिवासी भूमिज समाज के नेता आलोकनाथ सिंह, अखिल भारतीय विकास परिषद के पुरुलिया जिला उपाध्यक्ष एवं काशीपुर प्रखंड अध्यक्ष निर्मल टुडू सहित अखिल भारतीय विकास परिषद के अन्य नेता तथा काशीपुर ब्लॉक के 92 गांवों के माझी लोग भी मौजूद थे।

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