जीवंत सांस्कृतिक कला है जादू: प्रो.संजय द्विवेदी

जादूगर ओपी शर्मा के शो के समापन समारोह में शामिल हुए आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक

भोपाल। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त जादूगर ओपी शर्मा द्वारा प्रस्तुत भव्य जादू शो का समापन भोपाल के भारत टाकीज में अत्यंत उत्साह और प्रशंसा के साथ संपन्न हुआ। भोपाल में 2 माह तक उन्होंने भोपालवासियों का अपनी जादूकला से मनोरंजन किया। अब वे जयपुर में अपनी प्रस्तुति के लिए राजस्थान रवाना हो गए हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी ने शो के समापन अवसर पर कहा कि जादू केवल भ्रम नहीं, बल्कि कल्पनाशक्ति, कौशल और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत रूप है। जादूगर ओपी शर्मा की जादू कला हमें केवल चकित नहीं करती, बल्कि यह सिखाती है कि कैसे परिश्रम, निरंतर अभ्यास और नवाचार के माध्यम से मनोरंजन को समाजसेवा का माध्यम बनाया जा सकता है।

प्रो.द्विवेदी ने कहा कि जादूगर ओपी शर्मा भारत के लोकप्रिय जादूगरों में से एक हैं। उनका जादू केवल मंच तक सीमित नहीं है, बल्कि वह सामाजिक संदेशों, देशभक्ति और मानवीय मूल्यों को भी अपनी प्रस्तुतियों में समाहित करते हैं। उनके शो में दिखाई गई हैंड ट्रिक्स, इल्यूजन एक्ट्स, फ्लोटिंग ऑब्जेक्ट्स, और मानसिक शक्ति से प्रभावित करने वाली प्रस्तुतियाँ दर्शकों को आश्चर्य से भर देती हैं। उनकी खासियत यह है कि वे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी को समान रूप से आकर्षित करने की कला में निपुण हैं। उन्होंने कहा कि अपने पिता की विरासत को ओपी शर्मा जूनियर ने बहुत ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि भारत में जादू कला के विस्तार और उसे लोकप्रिय बनाने में ओपी शर्मा परिवार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।

इस अवसर पर मंच और सभागार दोनों ही जादुई वातावरण से भरे हुए थे। दर्शकों ने उनकी प्रस्तुतियों पर बारंबार तालियों की गूंज के साथ अपनी सराहना व्यक्त की। शो के दौरान एक के बाद एक जादुई करतब जैसे काटी गई महिला का पुनः जुड़ना, हवा में उड़ती मेज़, गायब होती वस्तुएँ और पढ़े बिना दिमाग़ पढ़ने वाले प्रयोग दर्शकों के लिए चमत्कृत करने वाले अनुभव बने।

इस अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डा.पवित्र श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारे समाज को आश्चर्य और आनंद से भर देते हैं। बच्चों की आँखों में आश्चर्य और बुजुर्गों की मुस्कान यह दर्शाती है कि जादू आज भी लोगों के दिलों को छूता है।
कार्यक्रम के अंत में जादूगर ओपी शर्मा को उनके दशकों से जारी कला योगदान और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए विशेष सम्मान भी प्रदान किया गया।

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