रानीगंज। श्री सीताराम जी मंदिर प्रांगण में आयोजित विमल देव गुप्ता द्वारा रचित पुस्तक बढ़ते कदम के महाकुंभ संस्करण का विमोचन साहित्यकार डॉक्टर रवि शंकर सिंह, समाजसेवी आर पी खेतान, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विमल बाजोरिया , समाजसेवी पवन केजरीवाल ,ललित झुनझुनवाला ने किया। इस अवसर पर डॉ रवि शंकर सिंह ने कहा कि यह पुस्तक कुल 108 पृष्ठों की है, जो माला के 108 मोतियों की तरह विमल गुप्ता की धार्मिक भावना, सामाजिक सरोकार और चिंतन-मनन का दस्तावेज है। इसकी भूमिका में लेखक ने पत्रकारिता और साहित्य की समानता को रेखांकित किया है।पुस्तक की शुरुआत विजय विमल देव गुप्ता ने महाकुंभ स्नान के आल्हादित अनुभव से आरंभ यह पुस्तक विमल गुप्ता की आध्यात्मिक यात्राओं और उनके सहयात्रियों की स्मृतियों से समृद्ध है। विमल जी ने शिल्पांचल के धार्मिक स्थलों पर अपने अनुभव “परिक्रमा” स्तंभ में साझा किए, जिनका विस्तार इस पुस्तक में किया गया है। पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदान में रानीगंज की खान दुर्घटनाएं, कोयलांचल का सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण, अग्रहरि समाज की भूमिका, ममता बनर्जी का सियासी सफर और रानीगंज का इतिहास शामिल है। उनके संस्मरणों में कन्याकुमारी से कश्मीर रैली, मित्र विजय अग्रवाल के साथ यादें और ऑटो राजा जैसे समाजसेवियों के प्रेरक प्रसंग शामिल हैं। बराकर निवासी दैनिक विश्वमित्र के जिला प्रतिनिधि पत्रकार सज्जन पारीक ने भी फोन पर उनको हार्दिक बधाई दी और उनके इस पुस्तक की खूब सराहना की। आरपी खेतान ने कहा कि विमल देव गुप्ता की रचित पुस्तक “बढ़ते कदम” मेरे लिए केवल एक साहित्यिक कृति नहीं रही, बल्कि यह एक जीवंत दस्तावेज़ बनकर सामने आई है। वर्षों से मैं उन्हें एक सजग पत्रकार के रूप में जानता रहा हूं, लेकिन इस पुस्तक ने उनके व्यक्तित्व का एक और गहन, संवेदनशील और समर्पित पक्ष उजागर किया है।मैंने अब तक इस क्षेत्र को लेकर किसी लेखक की ऐसी पुस्तक नहीं पढ़ी, जिसमें केवल स्थानों या घटनाओं का विवरण न होकर, उनकी आत्मा का भी चित्रण इतनी सहजता और गहराई से किया गया हो। धार्मिक पर्यटन हो, सांस्कृतिक चेतना हो या जनसामान्य का जीवन—बढ़ते कदम में इन सबका खूबसूरती से समावेश किया गया है। सीए गुंजन गुप्ता ने कहा कि मैं गर्व से इस धरोहर रूपी पुस्तक को रखूंगी और आने वाले पीढ़ियों को सोपूंगी।