वाराणसी में पुस्तक लोकार्पण, सम्मान समारोह एवं भव्य कवि सम्मेलन संपन्न

कोलकाता, 21 अप्रैल : विश्व हिन्दी शोध-संवर्धन अकादमी, वाराणसी के तत्वावधान में मड़ौली स्थित कविताम्बरा सभागार में वरिष्ठ गीतकार डाॅ. अशोक सिंह की अध्यक्षता में वरिष्ठ साहित्यकारा श्रीमती जया टंडन द्वारा रचित लघु कथा संग्रह “संवेदना से उपजे शब्द” का लोकार्पण एक भव्य समारोह में संपन्न हुआ।सभा में लेखिका का सम्मान कविताम्बरा परिवार के मुखिया एवं वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. हीरालाल मिश्र “मधुकर” ने करते हुए कहा कि कवि या कथाकार होने की पहली शर्त है संवेदनशीलता।जया टंडन की रचनाओं को पढ़कर लगता है कि लेखिका का हृदय जब अपने आस पास की सामाजिक विसंगतियों से विदिर्ण होता है तो शब्द अनायास ही फूट पड़ते हैं और रचना बन जाती है। अध्यक्ष पद से बोलते हुए डाॅ. अशोक सिंह ने कहा कि लेखिका के अंदर कोई बनावट नहीं है, उन्होंने जो महसूस किया उसे शब्दों में बांध दिया।इस अवसर पर महेंद्र तिवारी अलंकार, मणिबेन द्विवेदी, ए एम हर्ष, अहमद आज़मी, आलोक त्रिपाठी, गाजीपुर के लोक भाषा के वरिष्ठ कवि रामनारायण तिवारी एवं कोलकाता के वरिष्ठ ग़ज़लकार राम पुकार सिंह “पुकार गाजीपुरी” का हिन्दी साहित्य रत्न प्रदान कर सम्मान भी किया गया। समारोह के अंत में आयोजित काव्यगोष्ठी में शहर एवं बाहर से आये हुए कवियों धर्मेंद्र गुप्त साहिल, राघवेन्द्र नारायण सिंह, नसीमा निशा, करुणा सिंह, विजय चन्द्र त्रिपाठी, दिनेश दत्त पाठक, कुमार महेंद्र,गौरीशंकर तिवारी, विजय शंकर पाण्डेय, अख़लाक भारतीय, आलोक सिंह, टीकाराम शर्मा, प्रताप शंकर दूबे, आनंद कृष्ण मासूम, शमीम ग़ाज़ीपुरी, रामनारायण तिवारी एवं राम पुकार सिंह “पुकार गाजीपुरी” आदि ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को आनंदित किया. सभा का आयोजन भोलानाथ त्रिपाठी विह्वल एवं संचालन गिरीश पाण्डेय, बनारसी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन श्री आलोक टंडन ने किया।
रिपोर्ट : प्रदीप कुमार धानुक – कोलकाता

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