तीन महीने में कैसे होगी ‘भूत’ मुक्त वोटर लिस्ट? जवाब मांगने चुनाव आयोग पहुंचेगा तृणमूल का प्रतिनिधि मंडल

 

कोलकाता, 8 मार्च । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ‘भूतिया’ यानी डुप्लिकेट वोटरों के मुद्दे पर दिल्ली में चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ाने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगले तीन महीनों में डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर हटाए जाएंगे। इसी मुद्दे पर तृणमूल का संसदीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को चुनाव आयोग जाकर ज्ञापन सौंपेगा।

तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन और कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी के दस सांसद नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मुलाकात करेंगे। वे पूछेंगे कि आखिर तीन महीने में कैसे डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर हटाए जाएंगे और आयोग के पास इसका क्या खाका है?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे पहले विधानसभा में ‘भूतिया’ वोटर का मुद्दा उठाया था। इसके बाद नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल की मेगा रैली में भी उन्होंने इस पर सवाल खड़े किए। ममता का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) फर्जी वोटरों का इस्तेमाल कर 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी को चुनाव आयोग का ‘आशीर्वाद’ मिला हुआ है।

इसी मुद्दे पर तृणमूल सांसद सुब्रत बक्सी की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई, जिसमें अभिषेक बनर्जी समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेता शामिल हैं।

शुरुआत में चुनाव आयोग ने कहा था कि एक ही ईपीआईसी नंबर पर कई वोटर कार्ड हो सकते हैं, इसलिए किसी को भी ‘फर्जी’ करार नहीं दिया जा सकता। लेकिन जब विपक्ष ने दबाव बनाया तो आयोग को बैकफुट पर आना पड़ा। अंततः उसने कहा कि तीन महीने के भीतर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

हालांकि तृणमूल कांग्रेस इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल उठाया है कि क्या चुनाव आयोग के पास इस समस्या का पूरा डेटा मौजूद है? और अगर हां, तो तीन महीने में इसे हल करने के लिए कौन सा ‘जादू’ इस्तेमाल किया जाएगा?

मंगलवार को डेरेक ओ’ब्रायन, कल्याण बनर्जी, काकली घोष दस्तीदार, सागरिका घोष, कीर्ति आजाद समेत 10 तृणमूल सांसद चुनाव आयोग में ज्ञापन देंगे। इसी बीच, सोमवार से संसद का बजट सत्र भी शुरू हो रहा है, जहां तृणमूल इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह जोर-शोर से उठाने की योजना बना रही है। पार्टी की मंशा है कि इस मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट किया जाए और बीजेपी के खिलाफ दबाव बनाया जाए।

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