आरजी कर कांड : पीड़िता के माता-पिता के रुख में बदलाव पर उठे सवाल, नेताओं ने किया तंज

 

कोलकाता, 29 जनवरी  । पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को लेकर पीड़िता के माता-पिता के बदलते रुख पर सवाल उठ रहे हैं। पहले उन्होंने संजय राय के खिलाफ कठोरतम सजा की मांग की थी, लेकिन अब उन्होंने फांसी की सजा नहीं चाहने का बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने अब लगातार पीड़िता के माता-पिता को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। तृणमूल नेता शोभनदेव चट्टोपाध्याय, सांसद सौगत रॉय और विधायक मदन मित्रा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि पीड़िता के माता-पिता विपक्षी दलों के इशारे पर बयान दे रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता पहले राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस की जांच से संतुष्ट थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब उनके घर गई थीं, तब भी उन्होंने राज्य सरकार पर भरोसा जताया था। लेकिन बाद में उन्होंने हाई कोर्ट में जाकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की। जब चार्जशीट में देरी हुई और कुछ आरोपितों को जमानत मिली, तब उन्होंने सीबीआई जांच को भी अस्वीकार कर दिया।

अब जब अदालत ने संजय राय को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई, तब भी पीड़िता के माता-पिता ने पहले फैसले पर संतोष जताया। लेकिन जब सजा की घोषणा हुई, तो उन्होंने संजय राय के लिए फांसी की मांग की। इस बीच, सोमवार को कोलकाता हाई कोर्ट में उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कहा कि वे संजय राय के लिए फांसी की सजा नहीं चाहते।
इस घटनाक्रम को लेकर मदन मित्रा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, “आखिर वे क्या चाहते हैं? पैसा? क्या सब कुछ पैसे से ढका जा सकता है?” उन्होंने यह भी कहा कि यदि वे वास्तव में फांसी चाहते थे, तो उन्होंने अदालत में अपील क्यों नहीं की?

शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने आरोप लगाया कि पीड़िता के माता-पिता माकपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सरकार के खिलाफ वे जिस तरह का आंदोलन कर रहे हैं, वह पूरी तरह से अनैतिक है।”

वहीं, सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक रूप ले चुका है। उन्होंने कहा, “हमारे पास उनके दुख के प्रति सहानुभूति है, लेकिन वे तय नहीं कर सकते कि मुख्यमंत्री कौन रहेगा और कौन नहीं। उनके बयान केवल कुछ मीडिया संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन जनता इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।”

सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि पीड़िता के माता-पिता बार-बार अपने बयान क्यों बदल रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वे विपक्षी दलों के प्रभाव में आकर बयान दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?