‘गणतंत्र दिवस समारोह का सैन्य स्वरूप रहेगा बरकरार, पर सांस्कृतिक पहचान को भी स्थान’

नई दिल्ली, 20 जनवरी । कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में इस बार इंडोनेशिया के सैनिकों का मार्चिंग दस्ता और इंडोनेशियाई सैनिक म्यूज़िक बैंड भी देखने को मिलेगा।

दरअसल इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो हैं।

भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के मुताबिक़ गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के 160 सैनिक बतौर मार्चिंग दल के रूप में शामिल होंगे और 190 अन्य सैन्यकर्मियों का बैंड मार्चिंग दस्ते के साथ इंडोनेशियाई धुन बजाता नज़र आएगा। वहीं, भारतीय लोक नृत्यों एवं अन्य कई प्रस्तुतियों का संगीत विख्यात संगीतकार शंकर महादेवन द्वारा तैयार किया गया है।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के मुताबिक़ गणतंत्र दिवस समारोह में परेड का सैन्य स्वरूप बरकरार रहेगा, लेकिन इसके साथ ही इस बार यहां सामाजिक और सांस्कृतिक भागीदारी भी बढ़ेगी। इस वर्ष कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में क़रीब 77 हज़ार लोग शामिल होंगे। रक्षा सचिव के मुताबिक़ इनमें से 32, हज़ार व्यक्ति वो हैं, जिन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह का टिकट ख़रीदा है। वहीं 10, हज़ार विशेष अतिथि भी इनमें शामिल हैं। वहीं एक बड़ा बदलाव यह भी है कि इस बार 5 हज़ार से अधिक कलाकार कर्तव्य पथ पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे। यह संख्या पिछले वर्षों के मुक़ाबले काफ़ी अधिक है। ये कलाकार आदिवासी संस्कृति, युवाओं एवं अन्य थीमों पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

रक्षा सचिव का कहना है कि इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में समाज और संस्कृति की अधिक से अधिक व व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर प्रात: 10 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगा और यह कार्यक्रम 90 मिनट तक चलेगा। रक्षा सचिव के मुताबिक़ गणतंत्र दिवस परेड का सैन्य स्वरूप बरकरार रहेगा, लेकिन इसके साथ ही सामाजिक और संस्कृति की भागीदारी बढ़ेगी। यही कारण है कि इस बार बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों एवं क्षेत्रों के कलाकारों को गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का हिस्सा बनाया गया है।

इस वर्ष एक ख़ास बात यह भी होगी की मुख्य सलामी मंच के अलावा भी परेड स्थल पर सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा लोक नृत्य एवं विविध प्रकार की कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। अभी तक मुख्यतः मुख्य सलामी मंच के समीप ही लोक कलाकार अपने नृत्य एवं विभिन्न लोक कलाओं का प्रदर्शन करते थे, जबकि परेड स्थल पर मौजूद अन्य दर्शकों के लिए ये सांस्कृतिक प्रस्तुतियां कम ही उपलब्ध होती थीं। अब दर्शक दीर्घा में बैठे सभी लोग इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद सकेंगे।

रक्षा सचिव का कहना है कि गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्य फ़ोकस भारतीय धुनों पर ही रहेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह में महिलाओं को पर्याप्त स्थान दिया जा रहा है। न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों, बल्कि सेना के मार्चिंग दस्तों में भी पर्याप्त संख्या में महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है।

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