कोलकाता, 6 जनवरी।‘कश्मीर : कल, आज और कल’ विषय पर रविवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राम-शरद कोठारी स्मृति संघ बैनर तले शहर के पवन पुत्र होटल के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में शामिल वक्ताओं ने कश्मीर की विगत, मौजूदा और भविष्य को लेकर खुल कर चर्चा की।
कश्मीर के प्रताड़ित और विस्थापित हिंदुओं के अधिकारों की दृढ़ संकल्प के साथ लड़ाई लड़ने वाले कश्मीरी विषय के जानकार सुशील पंडित ने प्रधान वक्ता का आसन ग्रहण किया।
इस मौके पर राजेश अग्रवाल ( लाला ), पूर्णिमा कोठारी, पार्षद द्वव मीना देवी पुरोहित (वार्ड 22), विजय ओझा (वार्ड 23) व उमेश राय उपस्थित थे।
पंडित ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में काश्मीर के शानदार अतीत की व्याख्या करते हुए बताया कि किस प्रकार काश्मीरी विद्वानों ने भारतीय वांग्मय, नाट्यशास्त्र, रस शास्त्र, काव्य शास्त्र, इतिहास लेखन, व्याकरण , गीत-संगीत व आध्यत्म में अप्रतिम योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि
कश्मीर ने ही विश्व को यशोमति के रूप में प्रथम महिला शासक दिया है।
उन्होंने बताया कि कश्मीर में भू-खंड के स्वामित्व का झगड़ा नहीं है, वहां जिहाद चल रहा है , कश्मीर एक नीचे लटका हुआ फल है जिसे सबसे पहले तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
दूसरे सत्र में जिज्ञासा और उसके समाधान के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमे सुधि श्रोताओं ने अपनी जिज्ञासा रखी और समाधान पर चर्चा हुई । संगोष्ठी की शुरुआत संदीप जैन द्वारा गाए “हम करें राष्ट्र आराधन” गीत से हुई। संचालन किया रजत चतुर्वेदी ने।
