रानीगंज (संवाददाता):- शिल्पांचल के प्रतिष्टित उधोगपति राम कुमार सारदा को औफनी यूनिवर्सिटी द्वारा ‘डॉक्टरेट’ की मानद उपाधि से नवाजा हैं। बुधवार को समाज सेवा से जुड़े छात्राओं ने उन्हें सम्मानित किया। उधोगपति राम कुमार सारदा के लिए यह उपलब्धि असाधारण हैं क्योंकि पश्चिम बंगाल से वे एकलौते ऐसे उधोगपति हैं जिन्हें यह डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी जैसा बड़ा सम्मान मिला है। उधोग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए थेऔफनी यूनिवर्सिट के तरफ से उद्योगपति रामकुमार शारदा को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि प्रदान की गई है। उद्योगपति रामकुमार शारदा ने अपनी कड़ी मेहनत, सच्ची निष्ठा, दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता से फ़र्श से अर्श तक का सफर तय किया है और इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट पर उन्होंने 400 पन्नों की किताब लिखी हैं। गत 8 मई को देश की राजधानी दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां यूनिवर्सिटी के चांसलर ने अपने हाथों से उद्योगपति रामकुमार शारदा को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी का अवार्ड प्रदान किया। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के डॉक्टरल मॉनिटरिंग बोर्ड, अकादमिक काउंसिल और बोर्ड ऑफ पैट्रन विशेष रूप से उपस्थित थे। दिल्ली से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी का अवार्ड लेकर लौटने पर श्री गोपाल ग्रुप ऑफ कंपनीज के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा उधोगपति राम कुमार सारदा को सम्मानित किया गया। उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दी गई।
उधोगपति राम कुमार सारदा ने कहा कि उन्होंने इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट पर लिखी किताब में इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए मैनेजमेंट सिस्टम सबसे अहम हैं। क्योंकि रेगुलर मानिटरिंग और मोटीवेशन के लिए बेस्ट मैनेजमेंट तकनीक अपनानी चाहिए। इसमें भले ही स्माल यूनिट हो या लार्ज यूनिट हर कोई बेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम से ग्रोथ की ओर बढ़ सकता है।