आरजी कर : संदीप ने बाइक पार्किंग से भी पैसे वसूले, सीबीआई ने अदालत में दी जानकारी

 

कोलकाता, 12 दिसंबर  । आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं का मामला लगातार सुर्खियों में है। सीबीआई ने अदालत में जानकारी दी है कि अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके करीबी सहयोगी अफसर अली बाइक पार्किंग से भी पैसे वसूलते थे। इन पैसों का उपयोग घोटाले को अंजाम देने के लिए किया जाता था। सीबीआई ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान गवाहों ने बताया कि बाइक पार्किंग से वसूले गए पैसे सीधे संदीप घोष और अफसर अली के पास जाते थे। इसके अलावा, अफसर पर आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से ठेके लेकर अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाया।
सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि अफसर अली को अस्पताल में स्थायी कर्मचारी नहीं, बल्कि अनुबंधित आधार पर नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित नहीं किया गया था। जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि अस्पताल के तीन स्थायी कर्मचारियों के इस्तीफे के बाद स्थानीय स्तर पर अफसर सहित तीन लोगों को नियुक्त किया गया था।
गुरुवार को इस मामले की सुनवाई अलीपुर विशेष सीबीआई अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान, अफसर अली ने जमानत याचिका दायर की। उनके वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर बाइक पार्किंग से पैसे वसूले गए हैं, तो वे पैसे कहां हैं? क्या बैंक खाते में कोई राशि पाई गई?”

सीबीआई ने इसका जवाब देते हुए अदालत को बताया कि अफसर की बोगस कंपनियों ने अस्पताल के कई ठेके हासिल किए, और दस्तावेजों में हेरफेर कर अवैध रूप से लाभ उठाया।
इस मामले की शुरुआत नौ अगस्त 2024 को हुई थी, जब आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से एक महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के आरोप में एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, इस घटना के बाद अस्पताल में वित्तीय घोटालों की परतें भी खुलने लगीं।

सीबीआई ने संदीप घोष और उनके करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि अस्पताल के भीतर कैफे बनाने और विकास कार्यों के ठेके बिना स्वास्थ्य विभाग को सूचित किए, अफसर की कंपनियों को दिए गए।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि अफसर अली की बोगस कंपनियों को ठेके देने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर किया गया। इन कार्यों के लिए निर्माण विभाग को शामिल करने के बजाय, स्थानीय स्तर पर निर्णय लिए गए।
सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और अफसर अली की भूमिका को विस्तार से समझाया गया है। फिलहाल, आरोपित जेल हिरासत में हैं, और जांच जारी है।
यह मामला आरजी कर अस्पताल के प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करता है, जिससे आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

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