कोलकाता, 12 दिसंबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) प्रस्ताव को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे देश के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना है और इसे संसद में हरसंभव तरीके से रोका जाएगा।
ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट कर इस प्रस्ताव को “तानाशाही थोपने का प्रयास” बताया और कहा कि यह संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों की स्वायत्तता को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही को स्वीकार नहीं करेगा।
इससे पहले, ममता बनर्जी ने साल की शुरुआत में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ समिति के सचिव को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने इस विचार को संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत के संसदीय प्रणाली में अलग-अलग समय पर चुनाव होना इसका अभिन्न हिस्सा है, और इसे बदलना देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव अप्रत्यक्ष रूप से भारत में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू करने की ओर इशारा करता है, जो संविधान के संघीय और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। ममता बनर्जी ने इसे “लोकतंत्र को अधिनायकवाद में बदलने की कोशिश” बताते हुए सख्त विरोध जताया।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस इस बिल के खिलाफ संसद में मजबूती से खड़ी होगी और इसके विरोध में हरसंभव कदम उठाएगी।