हिन्दी अकादमी की काव्य सरिता में गोते लगाते रहे श्रोता

कोलकाता 27 नवम्बर। पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग के अंतर्गत पश्चिमबंग हिंदी अकादमी ने कवि सम्मेलनों की श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित की काव्य सरिता!
अकादमी की सदस्य रचना सरन के स्वागत वक्तव्य के साथ काव्य सरिता की शुरुआत में वरिष्ठ कवि और अकादमी सदस्य रावेल पुष्प के संचालन में हुए इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे- राजस्थान सरकार के कोलकाता सूचना केंद्र में सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू जी और काव्य सरिता में शिरकत कर रहे थे-डॉ. जसबीर चावला, सुधा मिश्रा, जीवन सिंह, उर्वशी श्रीवास्तव, प्रिया श्रीवास्तव तथा सुषमा कुमारी। कवि सम्मेलन की श्रृंखला के बारे में बताते हुए कार्यक्रम समन्वयक रावेल पुष्प ने बताया कि इस सम्मेलन में जहां वरिष्ठ कवियों को शामिल किया जाता है, वहीं युवा कवियों को भी समान अवसर दिया जाता है ताकि साहित्य, संस्कृति की भावी पीढ़ी भी एक साथ पुष्पित पल्लवित होती रहे। इस कवि सम्मेलन में डॉ.उर्वशी श्रीवास्तव ने जहां जीवन के तीन रंगों की बात करते हुए अपनी कविता में कहा कि सच्चा रंग तो सिर्फ सफेद ही है, जो जिंदगी और मौत दोनों से दोस्ती वफ़ादारी से निभाता है, वहीं युवा कवयित्री सुषमा कुमारी ने लड़कियों को सशक्त बनने के लिए काव्य पंक्तियां कहीं – खुद को तुमको गढ़ना होगा, हर काले अक्षर से लड़ना होगा। इसके अलावा गीतकार जीवन सिंह के भोजपुरी गीत पर श्रोता देर तक गोते लगाते रहे- तू ना अइल, त भोर ना भईल, जरते रहल दिया अंजोर ना भईल।
कार्यक्रम में प्रधान अतिथि के तौर पर उपस्थित हिंगलाज दान रतनू जी ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इस तरह के आयोजन की सराहना करते हुए डिंगल के कुछ छंद सुनाए।
अंत में अकादमी के प्रशासनिक अधिकारी श्री उत्पल पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

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