पश्चिम बंगाल उपचुनाव में 6-0 की हार के बाद शुभेंदु अधिकारी ने जताई दो महत्वपूर्ण जरूरतें

शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता, 23 नवंबर । पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार का सामना करना पड़ा। इनमें से एक भी सीट पर पार्टी जीत दर्ज नहीं कर सकी। यहां तक कि मदारीहाट की सीट, जिसे भाजपा ने पहले जीता था, वह भी गंवा दी। सिताई और हाड़ोआ सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

हालांकि, इस हार से चिंतित होने के बजाय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने 2026 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दो महत्वपूर्ण जरूरतें सामने रखी हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को चुनाव केंद्रित संगठन और आंदोलन आधारित मोर्चा तैयार करना होगा। शुभेंदु ने यह भी याद दिलाया कि भाजपा के पास तैयारी के लिए केवल एक वर्ष शेष है।

——

हाड़ोआ और सिताई सीटों पर हार को लेकर प्रतिक्रिया

हाड़ोआ सीट पर भाजपा की जमानत जब्त होने के बावजूद शुभेंदु अधिकारी इस परिणाम से अप्रभावित नजर आए। उन्होंने कहा कि हमने हाड़ोआ में कभी नहीं जीता और भविष्य में भी नहीं जीत पाएंगे। इस सीट पर 80 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाताओं की वजह से भाजपा के लिए जीत की संभावना न के बराबर है।

समान रूप से, सिताई सीट पर भी शुभेंदु ज्यादा आशावान नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 40 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता हैं, जिससे भाजपा के लिए 2026 के चुनावों में जीत की संभावना कम है। हालांकि, बाकी चार सीटों पर शुभेंदु ने बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की थी।

उपचुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को डराया-धमकाया गया। उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव नहीं था। सही मायनों में चुनाव 2026 में होगा, और वह चुनाव महाराष्ट्र की तरह होगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?