रानीगंज। रानीगंज के बल्लभपुर इलाके में दामोदर नदी से अवैध बालू खनन को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी एक बार फिर सामने आई है।आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच चल रही आपसी खींचतान ने अब भयंकर रूप धारण कर लिया है। यह पार्टी के भीतर वर्चस्व की लड़ाई और क्षेत्र में अवैध बालू और कोयला सिंडिकेट पर नियंत्रण को लेकर विवाद है। हालात इस हद तक बिगड़ गए कि दो गुटों के बीच मारपीट शुरू हो गई, जिससे रानीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बल्लवपुर फांड़ी इलाके में तनाव फैल गया. इसके बाद रानीगंज थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी और पुलिस ने जांच शुरू कर दी. पूरे इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गश्त बढ़ा दी है.रानीगंज के बल्लभपुर इलाके में दीर्घ दिनों से अवैध बालू का कारोबार चल रहा है। बरसात के समय, चुनाव के समय तथा त्योहारों के समय बीच-बीच में यह कारोबार कुछ दिनों तक बंद रहता है। अब त्योहारों का सीजन खत्म हो चुका है त्योहारों का सीजन खत्म होने के बाद बल्लभपुर इलाके में दामोदर नदी से अवैध रूप से बालू निकालने का खेल बड़े पैमाने पर अब शुरू होने वाला है, हालांकि इस बीच बैलगाड़ी में बालू भरकर एवं बोरों में बालू भरकर साइकिल, मोटरसाइकिल एवं ठेला वैन द्वारा बालू की चोरी होती है। बेलुनिया इलाके में ज्यादातर बैलगाड़ी से बालू लोड कर गांव के किसी खाली जगह में बालू को स्टोर किया जाता है एवं रात्रि में उसे ट्रैक्टर में लोड कर बाहर भेजा जाता है। त्योहारों के बाद बड़े पैमाने पर दामोदर नदी से अवैध रूप से बालू निकालने के लिए यह सेटिंग चल रही है बहुत जल्द यह कार्य शुरू होने वाला है। इस बालू के खेल में स्थानीय राजनीति संरक्षण प्राप्त एक तृणमूल नेता की मिली भगत है। इस तृणमूल नेता ने बल्लभपुर के बेलुनिया दामोदर घाट के निकट एक कार्यालय बनाकर रखा है। जहां बालू निकालने के लिए तीन पोकलेन मशीन रखी हुई है। वहां तृणमूल नेता के आदमी हमेशा रहते हैं तथा घाट की निगरानी करते हैं। इसके अलावे बालू के इस अवैध खेल में रानीगंज थाना एवं बल्लभपुर फांड़ी की पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है क्योंकि बिना इनके सहयोग के दामोदर नदी से बालू का अवैध खेल नहीं चल सकता। इसी बीच खबर मिली है कि इलाके के दो तृणमूल के गुट बालू के अवैध खेल में वर्चस्व को लेकर आपस में भिड़ गए हैं। तृणमूल का एक गुट एगारा ग्राम पंचायत इलाके का है जबकि दूसरा गुट बल्लभपुर ग्राम पंचायत इलाके का। बल्लभपुर इलाके के गुट ने एगारा इलाके के गुट पर आरोप लगाया है कि 30 से 40 लोगों का ग्रुप जाकर उनके साथ मारपीट किया है तथा पिस्तौल दिखाकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। जिसे लेकर बल्लभपुर फांड़ी में शिकायत दर्ज कराई गई है। सूत्रों की माने तो इन दोनों गुटों के बीच पुरानी रंजिश है। इलाके में कोयला एवं बालू गाड़ियों से अवैध वसूली को लेकर दोनों गुट अक्सर आपस में भिड़ते रहते हैं। इस बार यह रंजिश गंभीर रूप ले लिया है जिसमें हथियार दिखाने एवं बमबाजी का भी आरोप लगा है। सूत्रों की माने तो यह विवाद पार्टी के भीतर वर्चस्व की लड़ाई और इलाके में अवैध बालू कारोबार पर नियंत्रण को लेकर है। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों गुटों में मारपीट हुई, जिससे बल्लभपुर में तनाव का माहौल है। इसके बाद रानीगंज थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई गई है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पूरे इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आसनसोल दक्षिण विधानसभा की भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता इलाके में अवैध बालू और कोयला सिंडिकेट को लेकर आपस में उलझे हुए हैं। यह वर्चस्व की लड़ाई है, जिसमें हर नेता इस अवैध धंधे से मिलने वाले मुनाफे का हिस्सा पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल के अंदर चल रहे इस तरह के विवादों से जनता में गलत संदेश जा रहा है, और लोग यह देख रहे हैं कि कैसे पार्टी के नेता जनता की सेवा की बजाय निजी स्वार्थ में लिप्त हैं। अग्निमित्रा पाल ने यह भी कहा कि तृणमूल के इस आचरण से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी की प्राथमिकता सिर्फ सत्ता और अवैध लाभ अर्जित करना रह गई है। दूसरी ओर, इस विवाद पर तृणमूल के राज्य नेता वी शिबदासन दासु ने भाजपा के आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की आलोचनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि घटना की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है, और पुलिस द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। दासु ने यह भी कहा कि पार्टी इस मामले में पूरी तरह से सजग है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। संगठन अपनी छवि को सुरक्षित रखने के लिए कठोर कदम उठाएगा और दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के दोनों गुटों के नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ उच्च नेतृत्व के पास समर्थन जुटाने के प्रयास में हैं। दोनों गुट अपने पक्ष में तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नेतृत्व उनके पक्ष में निर्णय ले| ऐसा माना जा रहा है कि यह विवाद जल्द शांत होता नहीं दिख रहा, और इससे पार्टी में गहरी खाई बनने का खतरा बढ़ सकता है। इस पूरे घटनाक्रम से आसनसोल साउथ क्षेत्र में जनता भी चिंतित है। लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि इस आपसी संघर्ष का असर विकास कार्यों और क्षेत्र की शांति पर पड़ सकता है। जनता उम्मीद कर रही है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता इस विवाद को सुलझाएं और क्षेत्र की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करें।