यदुवंशियों का श्रीकृष्ण द्वारा पारंपरिक सबसे महान पर्व है प्रकृति गोवर्धन गाय की पूजा-नंद बिहारी यादव

आसनसोल। शिल्पांचल के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता तथा “भगवान श्रीकृष्ण लोक सांस्कृतिक समाज” के संस्थापक-संरक्षक एवं समाजवादी राजद नेता नंद बिहारी यादव ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोपालको एवं विशेष कर यादव समाज के लोगों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि आज से 5000 वर्ष पूर्व यादव कुलश्रेष्ठ यादवेंद्र भगवान श्रीकृष्ण ने ढोंग पाखंड पर आधारित मनुवाद द्वारा आयोजित इंद्र की पूजा को पूरी तरह से बंद कर दिया एवं तत्कालीन वैदिक काल जब मनुवाद अपने चरम सीमा पर था उस वक्त मनुवादियों एवं पाखंडियों के विरुद्ध कृष्णा लड़ते हुए ढोंग पाखंड के पूजा पाठ को बंद कर प्रकृति की पूजा की परंपरा शुरू की थी उसी में सारे नंद गांव गोकुल वृंदावन बरसाना प्रक्षेत्र के यदुवंशियों को मनुवाद की पूजा बंद करने का आह्वान किया एवं अपने गोधन गाय की पूजा की परंपरा शुरू की जो प्रकृति की पूजा थी उन्होंने प्रकृति द्वारा समस्त प्राणियों एवं प्रकृति के संसाधनों को जीवन दान देने वाले प्रकृति में प्रकृति द्वारा निर्मित वस्तुओं को अर्थ देने की परंपरा शुरू की थी यहीं से गाय की पूजा की परंपरा आरंभ हुई जिसे गोवर्धन पूजा कहा गया पूरे भारत ही नहीं अन्य कई देशों में भी गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाया जाता है अन्य देशों में युगांडा थाईलैंड मॉरीशस सिंगापुर जहां भारत के लोग प्रवासी के रूप में रह रहे हैं वहां भी जो यादव समाज के लोग हैं गोवर्धन पूजा बड़ी धूमधाम से मनाते हैं उन्होंने यादव समाज के लोगों को इस अवसर पर कहा कि आप भगवान श्री कृष्ण द्वारा पारंपरिक आयोजित गोवर्धन पूजा से संदेश प्राप्त करें और गोवर्धन पूजा के अवसर पर संकल्प लेकर मनुवाद द्वारा आयोजित तथा कथित धर्म के ऑल पर पाखंड के व्यवसाय कारण को पूरी तरह से निरस्त करें एवं प्रकृति की पूजा करें और समाज को शिक्षित कर तर्कशील बनावे श्री यादव ने समस्त समाज के लोगों को गोवर्धन पूजा के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी

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