अपहृत युवक को किया बरामद

 

:शहर के दक्षिण थाना क्षेत्र के साउथ पीपी अंतर्गत पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय से कुछ दूर स्थित शारदापल्ली इलाके से अपहृत देवघर के युवक नकुल मंडल को पुलिस ने शिकायत मिलने के आठ घंटे के अंदर ही बरामद कर लिया। अपहरणकर्ताओं ने नकुल के परिजनों से 25 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी। पुलिस की तत्परता से नकुल सकुशल बरामद हो गया, दक्षिण थाना में प्रेस कांफ्रेंस में डीसी सेंट्रल ध्रुव दास ने यह जानकारी दी। अपहृत युवक नकुल की मां उषा देवी की शिकायत पर पुलिस ने आसनसोल साउथ थाने में कांड संख्या 380/24 के बीएनएस की धारा 140(2)/3(5) के तहत मामला दर्ज किया । ध्रुव दास ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के नाम है मोहम्मद परवेज मोहम्मद मेहताब आलम और मोहम्मद सिराज यह तीनों आसनसोल उत्तर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। महताब आलम यह आसनसोल दक्षिण थाना इलाके के निवासी हैं सौरभ कुमार का घर आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के नियामतपुर इलाके में पड़ता है। उन्होंने बताया कि पांचो आरोपियों को आसनसोल अदालत में पेश कर और टीआई परेड के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।इस अपहरण को लेकर काफी रहस्य बना हुआ था। जिसे सुलझाने के लिए पुलिस की टीम जुटी थी? अपहरणकर्ताओं की तलाश में पुलिस झारखंड राज्य के विभिन्न इलाकों में खोज किया। नकुल से पुलिस लगातार पूछताछ कर जाना कि उसे कितनी देर गाड़ी में घुमाया गया? कहां रखा गया था? कहां छोड़ा गया? किसी का चेहरा उसने देखा या नहीं? किस भाषा में वे बात कर रहे थे? आदि कई सवालों के जवाब जानने के बाद पुलिस को सफलता मिली। नकुल ने बताया कि गाड़ी में डालते ही उसका सिर कपड़े से ढंक दिया गया। उसने सिर्फ इतना ही देखा कि लाल रंग की एक कार में उसे चढ़ाया गया। मंगलवार को उसे आसनसोल जिला अदालत में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज किया गया है।
कांड में सबसे अहम नकुल के साथ रहे दो लोग रहे। उन्हें पुलिस ने बुलाया। जिसके बाद मामले की परत खुलती गई। आसनसोल पुलिस देवघर भी गयी,है। अपहरणकर्ता जब इस बात को जान गये कि नकुल के घरवालों के पास पैसे नहीं हैं और पुलिस तत्परता के साथ जांच में जुट गयी है तो उन्होंने नकुल को छोड़ देना ही बेहतर समझा। नकुल ने पुलिस को बताया कि उसका चेहरा ढंक दिया गया था। उसके साथ मारपीट भी की गयी। हालांकि इन अपहरणकर्ताओं के पास सुबह 11 बजे से पुलिस को शिकायत मिलने रात आठ बजे तक का समय था। इसके बावजूद उसे झारखंड वे नहीं ले गये। यहीं पर रखा और छोड़ दिया।

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