रामचरितमानस के श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं : भारतीय संस्कृति और समाज पर तुलसीदास रचित रामचरितमानस का व्यापक प्रभाव

कोलकाता । तिवारी ब्रदर्स, बड़ाबाजार स्थित श्रद्धेय पण्डित बनवारीलाल तिवारी सभागार में परम्परागत अखण्ड मानस पाठ में भक्तिमय वातावरण में उपस्थित मानस प्रेमियों का स्वागत पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, पदमाकांत तिवारी, शंकरलाल, रामलाल, आञ्जनेय एवम तिवारी परिवार के सदस्यों ने किया । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज ने तिवारी बन्धु द्वारा परम्परागत अखण्ड मानस पाठ के आयोजन एवम धार्मिक निष्ठा की सराहना की । स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज ने कहा तुलसीदास ने रामलीला की शुरुआत की, जो रामायण का एक लोक-रंगमंच रूपांतरण है । भारतीय संस्कृति और समाज पर तुलसीदास और उनकी रचनाओं का प्रभाव व्यापक है । उन्होंने कहा रामचरितमानस के श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं । श्रद्धालु मानस प्रेमियों की भक्ति भावना, राम दरबार का मनमोहक दृश्य एवम सामूहिक मानस पाठ में सभी भाव विभोर हो गये । जेहि बिधि नाथ होइ हित मोरा, करहु सो बेगि दास मै तोरा… मानस पाठ में जगदीश प्रसाद मिश्रा, सतीश शुक्ला, अनिल पांडेय, शकुन्तला तिवारी, प्रभा वाजपेयी, प्रेमा वाजपेयी, कमल तिवारी, पार्षद मीना पुरोहित, कथाकार अखिलेश्वरानंद सरस्वती, बाबा बजरंगदास, जे पी सिंह, विनय दुबे, अरुण गुप्ता, सुनील दीक्षित, भोला प्रसाद सोनकर, शंकर बक्श सिंह, हेमन्त मिश्रा, अशोक तिवारी, आनन्द किशोर मिश्रा, ताड़क दत्त सिंह, अभय पाण्डेय एवम श्रद्धालु मानस प्रेमी शामिल हुए । समाजसेवी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी एवम परिवार के सदस्यों ने सभी श्रद्धालु भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया ।

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