
कोलकाता । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज ने अवनी ऑक्सफोर्ड, जेसोर रोड में श्रीमद्भागवत कथा में श्रोताओं को भाव विभोर करते हुए कहा बाल्यावस्था में श्रीकृष्ण नटखट थे । रासलीला में वृंदावन की गोपियाँ कृष्ण की बांसुरी की ध्वनि सुनकर अपने घर-परिवार से दूर कृष्ण के साथ नृत्य करने चली जाती है । गोपियों के श्रीकृष्ण प्रेम का प्रसंग सुन कर सभी भाव विभोर हो गये । राधे – राधे – राधे बरसाने वाली राधे… भजन की प्रस्तुति के साथ त्रिभुवनपुरी महाराज ने कहा राधा और रुक्मिणी दोनों रूप लक्ष्मी जी के हैं । श्रीकृष्ण स्वयं विष्णु के अवतार हैं । भगवती लक्ष्मी राधा रूप में श्रीकृष्ण की प्रेमिका थी और रुक्मिणी रूप में उनकी पत्नी । रुक्मणी श्रीकृष्ण को मन ही मन अपना पति स्वीकार कर चुकी थी, श्रीकृष्ण को पता चला कि रुक्मणी का विवाह उनकी इच्छा के विरुद्ध किसी और के साथ हो रहा है. तब उन्होंने रुक्मणी से विवाह कर लिया । उन्होंने कहा भागवत में बताए उपदेशों, उच्च आदर्शों को अपनाने से मानव जीवन सफल हो जाता है । समाजसेवी अशोक खेमका, अनिता खेमका, अनिल जालान, रीता जालान, अंजू, मंजू, रानी, सुनीता एवम अवनी ऑक्सफोर्ड के श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया ।
