कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर से विधायक का चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर चुके मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता को लेकर हाईकोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण आदेश दिया है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि मुकुल रॉय कागज कलम पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और उनकी सदस्यता खारिज करने का कोई औचित्य नहीं है। भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने मुकुल रॉय को पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) के चेयरमैन के पद पर नियुक्त करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उनकी ओर से अधिवक्ता बिल्वबदल भट्टाचार्य ने सोमवार को कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 की एक 11 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली थी। इसका वीडियो बड़े पैमाने पर उपलब्ध है लेकिन फिर भी विधानसभा अध्यक्ष कहते हैं कि रॉय भाजपा में हैं। यह सब कुछ स्पष्ट होते हुए भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने के समान है और अध्यक्ष के फैसले को रद्द किया जाना चाहिए। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी ने पक्ष रखते हुए कहा कि मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रम में गए थे इसलिए उन्हें पार्टी का अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया गया था। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली। इसका कोई भी दस्तावेज भारतीय जनता पार्टी या किसी और के पास नहीं है। इसलिए दस्तावेजी तौर पर वह भारतीय जनता पार्टी में ही हैं और उनकी सदस्यता रद्द करने का कोई मतलब नहीं बनता। हालांकि दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष को अपने फैसले पर विचार करने की जरूरत है। आगामी चार सप्ताह के भीतर इस बारे में फैसला लेकर कोर्ट को बताया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी द्वारा मुकुल की विधानसभा सदस्यता रद्द करने संबंधी लगाई गई याचिका पर लंबी सुनवाई करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि मुकुल रॉय कागजी तौर पर भारतीय जनता पार्टी में हैं। इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता खारिज नहीं की जाएगी। इसके साथ ही अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि रिति के मुताबिक विपक्ष के नेता को पब्लिक अकाउंट्स कमिटी का अध्यक्ष बनाया जाता है और मुकुल रॉय चुकी भारतीय जनता पार्टी में हैं इसलिए उन्हें इस पद पर नियुक्त करने का फैसला बिल्कुल सही है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अब कोर्ट के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष इस पर अलग फैसला ले सकते हैं।