पुरुलिया : कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि किसान प्रशिक्षण शिविर में फसल की खेती में विविधता लाएं। नितुरिया प्रखंड के हाँसापाथर मृदा निर्माण परियोजना क्षेत्र में रविवार को एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
इस मौके पर नितुरिया प्रखंड कृषि पदाधिकारी परिमल बर्मन, विधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुजया दीवानजी, नितुरिया पंचायत समिति अध्यक्ष शांतिभूषण प्रसाद यादव, पूर्त कर्माध्यक्ष मोहम्मद याकूब, रायबांध ग्राम पंचायत प्रधान, उप प्रधान समेत कई लोग उपस्थित थे. नितुरिया ब्लॉक के सह कृषि निदेशक परिमल बर्मन ने कहा कि हमारे जिले में वर्षा अनिश्चित और अनियमित है। सिर्फ धान की खेती पर निर्भर रहने से नहीं होगा. फसल में विविधता लानी होगी. ऐसी फसलों का चयन करना होगा जिनमें पानी की कम आवश्यकता होती है। इसलिए मृदा निर्माण परियोजना क्षेत्र में मक्का एवं बादाम की खेती की योजना ली गई है।
बिधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुजया दीवानजी ने कहा कि वर्षा आधारित खेती में जोखिम हैं। इसलिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फसल की खेती में विविधता लानी चाहिए। फसल की किस्मों का चयन करना आवश्यक है। उन्होंने उनकी कृषि पद्धति को लेकर शिविर में चर्चा की। नितुरिया पंचायत समिति अध्यक्ष शांतिभूषण प्रसाद यादव ने कहा कि किसानों के सर्वांगीण विकास में पंचायत समिति सदैव किसानों के साथ खड़ी रहेगी. इस अवसर पर मृदा निर्माण परियोजना क्षेत्र के लाभुक किसान संध्यामणि टुडू, पानसखी मुर्मू, कार्तिक सिंह, उत्तम गोप को मकई और ज्वार के बीज सौंपे. ये बीज पाकर वे बहुत खुश हुए। कृषि विभाग को उम्मीद है कि ये सभी मृदा निर्माण परियोजना क्षेत्र में मक्का और बदमा की खेती कर जीवन यापन करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेंगे।
