अयोध्या मंदिर के गर्भगृह में स्थापित हुए रामलला, प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को

रामलला की मूर्ति को ट्रक से मंदिर में लाया गया

21 जनवरी तक जारी रहेंगे अनुष्ठान

121 आचार्य कर रहे हैं अनुष्ठान का संचालन

  अयोध्या के नवनिर्मित भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में गुरुवार को रामलला की मूर्ति स्थापित कर दी गई है।

इस बीच, गर्भगृह में शास्त्रीय विधि-विधान से पूजा और अनुष्ठानों का दौर जारी है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। समारोह के मुख्‍य यजमान पीएम मोदी ही रहेंगे।

इससे पहले श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रामलला की मूर्ति को बुधवार रात यहां राम मंदिर के गर्भगृह में लाया गया। मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई। मूर्ति को एक ट्रक से मंदिर के भीतर लाया गया था।

राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इससे पहले बुधवार को कलश पूजन का आयोजन किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए आवश्यक हर अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।

121 आचार्य अनुष्ठान का संचालन कर रहे हैं। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे समाप्त होने की उम्मीद है।

क्या कहा कोठारी बंधुओं की बहन ने : अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर पुलिस गोलीबारी में जान गंवाने वाले कोलकाता के कारसेवकों के परिवार के सदस्यों को अब जाकर दीवाली और होली जैसे त्योहारों की खुशी का अहसास हो रहा है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर 1990 में कारसेवा के दौरान पुलिस गोलीबारी में राम कोठारी (22) और शरद कोठारी (20) नामक भाइयों की असामयिक मृत्यु हो गई थी।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर कोठारी बंधुओं की बड़ी बहन पूर्णिमा ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा कि हमारा पूरा परिवार बहुत खुश है। मेरे भाइयों के निधन के बाद से 1992 से मैंने अयोध्या की वार्षिक तीर्थयात्रा की है और अपने दिवंगत भाइयों के करीबी मुद्दे ‘राम जन्मभूमि आंदोलन’ के लिए प्रार्थना की है। मुझे विश्वास है कि मेरे भाइयों की आत्माओं को अब शांति मिलेगी। ये हम सभी के लिए दूसरी दिवाली और होली के अनुभव जैसा है।

पूर्णिमा के अनुसार उनके भाई मध्य कोलकाता के बड़ाबाजार में अपने आवास के पास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा में नियमित रूप से शामिल होते थे। उन्होंने पुष्टि की कि उनके भाई कार सेवा के लिए विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर अयोध्या चले गए। उन्होंने एक नेक काम के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। मुझे अपने भाइयों पर बेहद गर्व है। विहिप द्वारा निमंत्रण मिलने पर पूर्णिमा और उनका परिवार पहले ही अयोध्या पहुंच चुका है।

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