रानीगंज। राज्य में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव में शेष कुछ दिन ही बाकी है जिसको देखते हुए सभी राजनीतिक दलों के तरफ से अपने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में पार्टी के दिग्गज नेताओ के द्वारा चुनाव प्रचार किया जा रहा है। इसी को देखते हुए आज भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार को लेकर रानीगंज के न्यू एगरा इलाके में भाजपा के दिग्गज नेता राज्य के युवा मोर्चा के अध्यक्ष इंद्रनील खां पहुंचे। इस दौरान उनके साथ इलाके के भाजपा प्रत्याशी अभिक बनर्जी के अलावा इलाके अन्य भाजपा प्रत्याशी मौजूद थे। इस मौके पर उन्होंने न्यू एगरा के रुईदास पाड़ा एक सभा किया,इस दौरान तृणमूल सरकार पर जमकर प्रहार किया।
इस दौरान इंद्रनील खां ने अपने वक्तव्य में तृणमूल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस बार जनता को पंचायत चुनाव में वोट देकर अपनी आवाज को न नवान्न तक पहुंचानी होगी। हमारी वोट के आवाज से नवान्न कांप उठेगा। अगर हमें स्वच्छ पंचायत चाहिए तो हमें अपना वोट दुर्नीति मुक्त, चोर मुक्त, कोयला चोर मुक्त, गोरु चोर मुक्त, नौकरी चोर मुक्त के खिलाफ करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि अभी आसनसोल के तृणमूल नेताओं को ईडी एवं सीबीआई द्वारा बुलाया जा रहा है। कोई कोयला तस्करी में लिप्त है तो कोई गौ तस्करी में लिप्त है। कुछ लोग जेल में बंद हैं कुछ लोग फरार हैं। कुछ लोग अपना बचने का रास्ता खोज रहे हैं। तृणमूल के युवा महासचिव विनय मिश्रा वह भी दुर्गति में लिप्त है और वह लूटपाट कर एक आईलैंड में जाकर रह रहे हैं उन्हें पता है कि वह यहां आएंगे तो जेल में चले जाएंगे। ऐसी अवस्था अभी तृणमूल की है। अभी जो तृणमूल के बड़े नेता हैं वह कोयला चोरी हो, गौ चोरी, नौकरी चोरी कर सोच रहे हैं कि हमेशा ऐसे ही रहेंगे और लूटते रहेंगे। वैसा नहीं चलेगा। बीरभूम जिला का एक गुरु चोर अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है यहां की जनता ने उसे गोरी चोर गोरु चोर कह कर यहां से भगाया है। अभी हम जो घोटाले को देख रहे हैं वह राज्य के ऊपरी स्तर तक है परंतु इस पंचायत में भी करोड़ों करोड़ों रुपए घोटाला हुए हैं। करोड़ों रुपए नरेंद्र मोदी बंगाल के विकास के लिए पंचायत को दे रहे हैं यह पैसे कहां जा रहे हैं ? तृणमूल सरकार इसका हिसाब नहीं दे रही है। तृणमूल के नेता पंचायत स्तर से दुर्नीति कर अपना महल खड़ा कर रहे हैं। केंद्र सरकार की आवास योजना में कट मनी खा रहे हैं एवं अपने घर को दो तल्ला से तीन तला बना रहे हैं यह तृणमूल का विकास। पानी के लिए नरेंद्र मोदी सरकार करोड़ों रुपए भेजे हैं परंतु अभी भी यहां देखा जा रहा है कि लोग चापाकल से, कुआं से पानी भर रहे हैं। वह पैसा कहां गया इस पैसे का हिसाब जब मांगा जाता है तो मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री सब चुप रहते हैं। पंचायत के तृणमूल नेता भी चुप रहते हैं इसलिए पंचायत चुनाव में तृणमूल को भय है इसलिए वह केंद्रीय वाहिनी को नहीं बुलाना चाहती थी। तृणमूल को सहयोग करने वाले राज्य चुनाव आयोग का कमिश्नर बना दिया गया उसके बाद ही उसने चुनाव की घोषणा कर दी एवं केंद्रीय वाहिनी को नहीं लेना है का रट लगा लिए। केंद्रीय वाहिनी के आने से भयमुक्त होकर जनता वोट कर पाएगी परंतु राज्य सरकार चुनाव आयोग को लेकर हाई कोर्ट चली गई कि केंद्रीय बानी नहीं लेना है। जिस तरह से वह कोयला चोरी, गौ चोरी एवं नौकरी चोरी कर रहे हैं उस तरह से वह वोट चोरी भी करना चाहते हैं। हाईकोर्ट ने आदेश दिया केजरी वाहिनी लाने के लिए उसके पश्चात वह सुप्रीम कोर्ट चले गए वहां से भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी। गृह मंत्री अमित शाह ने 822 कंपनियां केंद्रीय वाहिनी को भेज दी है जिससे लोग भय मुक्त होकर वोट करें।
