बंगाल में भ्रष्टाचार की हद पार, नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार शांतनु के रिसोर्ट की चारदीवारी मनरेगा से बनी

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कोलकाता, 18 मार्च । पश्चिम बंगाल में सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी किस तरह से मिलजुल कर भ्रष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। इसकी बानगी शनिवार को दिखी है। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए तृणमूल नेता शांतनु बनर्जी के रिसोर्ट सहित चार ठिकानों पर शनिवार को ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की है। वहां पता चला है कि उसके रिसार्ट की घेराबंदी के लिए बनाई गई चारदीवारी का निर्माण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत किया गया है। इसका बोर्ड भी उस चार दिवारी पर लगा हुआ है। इस पर पश्चिम बंगाल सरकार का लोगो भी लगा हुआ है। इतना ही नहीं यह भी सामने आया है कि इस चारदीवारी की मरम्मत के लिए योजना के तहत जिन ग्रामीणों ने काम किया उन्हें मजदूरी भी नहीं दी गई। मीडिया के कैमरे के सामने एक ग्रामीण ने दावा किया कि उसने 22 दिनों तक इस चारदीवारी की मरम्मत में काम किया था, पेड़ लगाए थे लेकिन उसे पैसे नहीं मिले।

ईडी अधिकारियों ने इन सभी लोगों के बयान दर्ज किए हैं और नए सिरे से जांच शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि शांतनु के भाई की पत्नी श्रीपुर बालागढ़ ग्राम पंचायत की प्रमुख है। उसी की मिलीभगत से रिसॉर्ट की चारदीवारी का निर्माण केंद्रीय राशि से किया गया है।

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