कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी प्रकरण पर आखिरकार 48 घंटे बाद तृणमूल सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुंह खोला है। सोमवार को राज्य सरकार की ओर से दिए गए बंग विभूषण और भंग भूषण सम्मान कार्यक्रम के मंच से संबोधित करते हुए उन्होंने चटर्जी की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए। इसके अलावा कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल से निकाल कर उन्हें भुवनेश्वर एम्स में चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाने संबंधी कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने इशारे इशारे में कहा कि कोर्ट के इस फैसले पर भी केंद्र का दबाव है। ममता ने कहा मुझे शर्म आती है कि बंगाल में इतने अच्छे अच्छे अस्पताल होने के बावजूद पार्थ को भुवनेश्वर भेजा गया। मैं राजनीति भोग करने के लिए नहीं करती हूं। मैं मानती हूं कि त्याग के लिए राजनीति की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सब एक जैसे नहीं होते अंतर तो होता ही है । मैं कभी भी अन्याय का समर्थन नहीं करती। भ्रष्टाचार का समर्थन कभी भी मेरे जीवन का हिस्सा नहीं रहा है। माना जा रहा है कि ऐसा कह कर उन्होंने पार्थ चटर्जी से एक तरह से दूरी बनाने के संकेत दिए हैं और पार्टी के उन नेताओं को भी सचेत कर दिया है जो भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त रहे हैं। इस पर और अधिक स्थिति स्पष्ट करते हुए ममता ने कहा कि जानबूझकर मैंने कभी भी किसी को अन्याय नहीं करने दिया। इंसान से गलतियां होती हैं लेकिन गलतियों को सुधारना जरूरी है लेकिन जानबूझकर अपराध करना गलत है। मैं चाहती हूं कि सच सबके सामने आए। अगर आरोप साबित होते हैं तो जीवन भर सजा मिले कोई बात नहीं।
——
अर्पिता के साथ अपनी तस्वीर पर दी सफाई
– इसके अलावा शिक्षक नेता भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी के साथ अपनी तस्वीर को लेकर भी उन्होंने सफाई दी है। ममता ने कहा, “कुछ लोगों की तस्वीरें मेरे साथ दिखाकर मेरी भी छवि धूमिल करने की कोशिश हो रही है। कुछ राजनीतिक पार्टियां इसमें शामिल रही हैं। मैं कई पूजा कार्यक्रमों में जाती हूं। अगर कोई चोर है या डकैत है तो तृणमूल उसे नहीं बख्सेगी लेकिन इसके बहाने मुझ पर अगर सवाल खड़े किए जाएंगे तो मैं माफ नहीं करूंगी। उन्होंने एक बार फिर विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मुझे धमकी देने वालों के सामने में झुकने वाली नहीं हू। अगर कोई अन्याय कर रहा है तो यह उसकी जिम्मेवारी है। इसके साथ सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। उस महिला का पार्टी से भी कोई लेना देना नहीं है। कुछ मीडिया वाले लगातार उसे दिखाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी के साथ उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है जो नाकतला उदयन संघ से जुड़ी हुए हैं। एक वीडियो और तस्वीर सामने आई है जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक ही मंच पर अर्पिता और पार्थ के साथ हैं तथा अर्पिता की सराहना कर रही हैं। इसे लेकर विपक्ष उन पर शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में शामिल होने का आरोप लगा रहा है।