बर्नपुर सेल आईएसपी के आधुनिकीकरण पर राजनीति तेज, केंद्र ने रखा 45,810 करोड़ का लक्ष्य

आसनसोल। आसनसोल के बर्नपुर स्थित सेल आईएसपी (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड – इंडियन आयरन एंड स्टील प्लांट) के आधुनिकीकरण को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके लिए केंद्र ने 45,810 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है, जिससे इस क्षेत्र में विकास की नई राहें खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, इस बड़े निवेश की घोषणा के साथ ही राजनीति भी तेज हो गई है और विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे को अपने-अपने नजरिए से उठा रहे हैं। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विशेष रुचि दिखाई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस योजना से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और आसनसोल-बर्नपुर समेत पूरे पश्चिम बर्दवान जिले की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार होगा। भाजपा के विरोधी दल के नेता सुरेंद्र अधिकारी ने इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि बेरोजगार युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराई जानी चाहिए और इस संदर्भ में वे ज्ञापन देंगे और सभा करेंगे। भाजपा पश्चिम बर्दवान जिला अध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और उनसे जुड़े कुछ लोग संगठन बनाकर इस योजना के लिए आवंटित फंड पर नजर गड़ाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि 45,810 करोड़ रुपये जैसे बड़े फंड की लूट की योजना बनाई जा रही है, जिस पर भाजपा की नजर है और इस मामले को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस ने भी तीखा पलटवार किया है। तृणमूल नेता अशोक रूद्र ने कहा कि उनकी पार्टी लगातार बेरोजगार युवकों के हित में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि तृणमूल के नेता लंबे समय से सेल आईएसपी से युवाओं को नौकरी देने की मांग करते आ रहे हैं। रूद्र ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने साफ किया कि किसी भी प्रकार की मिलीभगत या भ्रष्टाचार की बात पूरी तरह बेबुनियाद है।बर्नपुर सेल आईएसपी के आधुनिकीकरण से जहां हजारों नए अवसर पैदा हो सकते हैं, वहीं बेरोजगारी का मुद्दा भी राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। भाजपा का कहना है कि इस योजना से स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जबकि तृणमूल का दावा है कि उन्होंने पहले ही इसके लिए कंपनी प्रबंधन से लगातार मांग की है। केंद्र सरकार की इस योजना ने जहां औद्योगिक विकास को लेकर उम्मीदें जगाई हैं, वहीं भाजपा और तृणमूल के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है। भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस विकास की योजनाओं में भ्रष्टाचार कर लाभ उठाने की फिराक में है, जबकि तृणमूल इसे पूरी तरह से नकारते हुए भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। बर्नपुर सेल आईएसपी के आधुनिकीकरण की यह योजना जहां औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है, वहीं राजनीतिक दल इसे अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। अब देखना यह होगा कि 45,810 करोड़ रुपये की इस विशाल योजना का लाभ वास्तव में स्थानीय लोगों और बेरोजगार युवाओं को कितना मिलता है और राजनीतिक बयानबाजी के बीच विकास की यह प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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