कोलकाता:’ शिक्षकों को कुम्हार की उपाधि दी जाती है,क्योंकि वे मिट्टी रूपी बच्चों को शिक्षा और संस्कार देकर एक मुकम्मल शेप देते हैं और आगे जाकर वही बच्चे उच्च पदों पर विराजमान होते हैं।इसलिए समाज में शिक्षकों का स्थान सबसे ऊपर होता है।’ ये कहना है मीडिया पर्सनैलिटी और इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के इंटरनेशनल चेयरमैन संजय सिन्हा का।शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर कोलकाता के टॉलीगंज इलाके में इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल की ओर से आयोजित एक समारोह में सभी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि , ‘ निष्ठावान और अपने कार्यों के प्रति समर्पित शिक्षकों का सम्मान करके आज मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।’ ज्ञात हो कि इस मौके पर कोलकाता के कुछ निष्ठावान शिक्षकों को विद्या रत्न आइकन अवार्ड से विभूषित किया गया।मौके पर संस्था के नए पदाधिकारियों को परिचय पत्र सहित तमाम दस्तावेज दिए गए।गौरतलब है कि चेयरमैन संजय सिन्हा का पुरजोर स्वागत किया गया।उनके साथ थे पश्चिम बर्धमान के जिला उपाध्यक्ष कौशिक रॉय चौधरी और चंदन कुंडू।इन्होंने भी अपनी बातें रखीं।सम्मानित होने वाले शिक्षकों में शामिल हैं अनीता पास्कर,उमा रोजारियो, मानुषी गोम्स,पामेला गोम्स,चित्रलेखा बिस्वास,संध्या जेना, कैमिलिया रोजारियो,रेजिना रोजारियो,संगीता चटर्जी,अर्पिता पहाड़ी मंडल,इंदिरा रोजारियो और शर्मिष्ठा मुखर्जी।समारोह को सफल बनाने में जिला अध्यक्ष;विमेंस विंग कुमकुम माइति बिस्वास,सिटी उपाध्यक्ष इला मंडल,सिटी कार्यकारी अध्यक्ष मधुमिता मंडल नस्कर,सिटी उपाध्यक्ष कौशिक दत्ता, सिटी आब्जर्वर चित्रलेखा बिस्वास आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।अंत में पूरी टीम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इस मौके पर कुछ बच्चे और युवा भी थे ,जिन्हें ह्यूमन राइट्स की जानकारी दी गई।चेयरमैन सहित अन्य पदाधिकारियों ने बच्चों के साथ भी समय गुजारे और उन्हें प्रोत्साहित भी किया।कुमकुम माइति के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह को विराम मिला।