डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित हुए स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष ने कहा कि भारत का मांगल्य संगठित हिन्दू समाज में निहित है

कोलकाता, 10 अगस्त । श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष पूज्य स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज को 36वें डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा नेशनल लाइब्रेरी सभागार में किया गया। स्वामीजी को सम्मान स्वरूप एक लाख का चेक और मानपत्र प्रदान किया गया।

सम्मान ग्रहण करने के बाद स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने कहा कि विश्व का मांगल्य भारत के विचारों में निहित है और भारत की शक्ति संगठित हिन्दू समाज में है। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार धुन के पक्के और लक्ष्य के प्रति समर्पित थे। उन्होंने विषम परिस्थितियों में राष्ट्र संगठन का आलोक पाया। उनकी त्याग-तपस्या का ही परिणाम है कि आज भारत पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है।

समारोह की अध्यक्षता सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर ने की। उन्होंने कुमारसभा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है। अपने संघ जीवन के संस्मरण साझा करते हुए उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार द्वारा स्थापित संगठन की कार्यपद्धति आज भी प्रेरणा देती है और राष्ट्रभक्ति का बीजारोपण करती है।

प्रधान वक्ता एवं प्रबुद्ध चिंतक मुकुल कानितकर ने कहा कि आज भारत अपनी संस्कृति और समृद्धि से विश्व को प्रभावित कर रहा है। यह कार्य संगठन, सेवा और व्यवस्था परिवर्तन से संभव हुआ है। डॉ. हेडगेवार ने समाज में संगठन की आवश्यकता पर बल देते हुए व्यक्ति निर्माण को राष्ट्र निर्माण का आधार बताया था। उनकी हिन्दुत्व की विचारधारा केवल भारत ही नहीं, पूरे विश्व को प्रभावित कर चुकी है।

प्रधान अतिथि सज्जन कुमार तुल्स्यान ने कहा कि डॉ. हेडगेवार जैसे राष्ट्र निर्माता के नाम से जुड़ा यह सम्मान स्वामीजी को प्रदान करना अत्यंत उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार द्वारा स्थापित संघ आज बीज से वटवृक्ष बन चुका है।

विशिष्ट अतिथि नेशनल लाइब्रेरी के महानिदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने पुस्तकालय के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि आक्रांताओं द्वारा नालंदा जैसे विश्वविद्यालायों को नष्ट किए जाने के बाद नेशनल लाइब्रेरी भारतीय प्रज्ञा को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।

कार्यक्रम की शुरुआत में गायक ओमप्रकाश मिश्र ने ‘पूर्ण करेंगे हम सब केशव, वह साधना तुम्हारी’ गीत प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण पुस्तकालय अध्यक्ष महावीर बजाज ने दिया, संचालन डॉ. तारा दूगड़ ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कुमारसभा के मंत्री बंशीधर शर्मा ने किया।

अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र, तिलक, माला, श्रीफल, शॉल और मानपत्र प्रदान कर किया गया। वैदिक स्वस्तिवाचन वेद विद्यालय के ऋषिकुमारों द्वारा किया गया। सम्मान समारोह में कोलकाता और हावड़ा के सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में संजय मंडल, भागीरथ सारस्वत, चंद्रकुमार जैन, रामचंद्र अग्रवाल, मनीष जैन, कमल कुमार गुप्ता और अरुण सिंह की सक्रिय भूमिका रही।

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